Wednesday, September 17, 2025
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महज आरक्षण देने का प्रयास नहीं, कैसे 2024 में पीएम मोदी की वापसी तय कर सकती हैं महिला मतदाता

 

संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने से जुड़ा ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ आज लोकसभा में पेश हुआ। नए संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है, जिसे महिला वोट बैंक को साधने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार महिला केंद्रित कई योजनाएं लेकर आई है। भाजपा की ओर सेइस बात पर जोर डाला गया कि सरकार ने महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण पर कितना फोकस किया है। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव लैंगिक-न्याय को भी दर्शाता है, जिसका मोदी सरकार 2024 के चुनावी कैंपेन के दौरान भरपूर इस्तेमाल कर सकती है। बीजेपी ने 2019 के चुनावों में तीन तलाक अध्यादेश को लेकर ऐसा ही किया था। महिला वोटवैंक पर फोकस केवल भाजपा तक ही सीमित नहीं है।

 

कांग्रेस, जद(यू), द्रमुक और आम आदमी पार्टी (आप) सहित सभी राजनीतिक दलों ने चुनावी सफलता के लिए महिलाओं को लुभाने की कोशिश की है। पहले राजनीतिक दल विशिष्ट समुदाय या विशेष जाति पर अधिक जोर दिया करते थे। मगर, अब वे महिलाओं की चुनावी ताकत को समझ चुके हैं। आज महिलाओं का बड़े पैमाने पर समर्थन हासिल करने का प्रयास दिखता है। महिलाएं हर एक निर्वाचन क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभाने लगी हैं। चुनावी प्रक्रिया में महिला मतदाताओं की भागीदारी बढ़ी है जिससे उनका प्रभाव और गहरा हुआ है।