आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए खुशखबरी,नई नीति मंजूर होते ही नियुक्ति होगी पक्की
उत्तर प्रदेश योगी सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिससे कि आउटसोर्स किए जाने वाले कार्मिकों के चयन में सेवाप्रदाताओं की स्वेच्छाचारिता पर लगाम कसी जा सके।
साथ ही नियमित रूप से उनके पारिश्रमिक का पूरा भुगतान और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) की कटौती सुनिश्चित की जा सके।
इसके लिए श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने नई आउटसोर्सिंग नीति तैयार कर ली है। प्रस्तावित आउटसोर्सिंग नीति में समूह ग और घ के पदों पर चयन के लिए प्रशासकीय विभाग शैक्षिक योग्यता तय करेगा।
चयन में अभ्यर्थियों का उत्पीडन रोकने के लिए समूह ग और घ तथा समकक्ष श्रेणी के कार्मिकों का चयन सेवायोजन पोर्टल पर अधिसूचित रिक्तियों के सापेक्ष आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थियों में से निर्धारित शैक्षिक योग्यता की मेरिट के आधार पर बिना साक्षात्कार की प्रक्रिया के किया जाएगा।
अभ्यर्थियों का चयन रैंडम आधार पर नहीं किया जा सकेगा। अभी तक तीन गुणा अभ्यर्थियों का चयन किया जाता था, जिससे सेवाप्रदाता को हर तीन में से एक अभ्यर्थी को अपनी मर्जी से चुनने का अधिकार मिल जाता था।