हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निकाय चुनाव की तैयारियां हुईं धीमी

नगर निकाय में घोषित आरक्षण एवं चुनाव की तारीखों के एलान पर जनहित याचिका को लेकर हाईकोर्ट में 20 दिसंबर को सुनवाई होनी है। इसे लेकर दावेदारों एवं राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी हुई हैं, जबकि प्रशासनिक गतिविधियां धीमी हो गई हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर 20 दिसंबर तक रोक लगा दी है। सुनवाई के बाद ही निकाय चुनावों की तारीखों के एलान पर फैसला होगा। हाईकोर्ट के फैसले को लेकर तमाम दावेदारों के साथ ही प्रशासनिक अफसरों की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं। यदि हाईकोर्ट के स्तर से कुछ फेरबदल हुआ, तो प्रशासन को नए सिरे से चुनाव को लेकर तैयारियां करनी होंगी। इसको लेकर प्रशासन हाईकोर्ट से मिलने वाले दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहा है। शासन स्तर से जिले के 18 निकायों के 329 वार्डों का आरक्षण घोषित करने के बादआई 195 आपत्तियां आईं। प्रशासन के स्तर से इन सभी आपत्तियों का निस्तारण कर दिया गया है। किसी भी वार्ड में कोई भी फेरबदल नहीं किया गया है,नगर निकाय चुनाव में मतदाता सूचियों में नाम बढ़ाने के लिए अभियान चल रहा है। चुनाव आयोग के निर्देश पर संबंधित नगर निकायों की तहसीलों के अलावा जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट स्थित चुनाव कार्यालय में इसके लिए आवेदन दिए जा रहे हैं। जिन दावेदारों के नाम मतदाता सूची में अभी तक शामिल नहीं थे या सूची में नाम गलत रूप में दर्ज थे, वे अपने इलाके के बीएलओ के माध्यम से आवेदन कर रहे हैं। उन्हें डर सता रहा है कि चुनाव लड़ने से कहीं वह वंचित न रह जाएं।