एकात्म मानवदर्शन यात्रा अनुभवों संग यमुना कटरी की पीड़ा हुई साझा

फतेहपुर : मोटे महादेव मंदिर परिसर में सोमवार को यात्रा अनुभव संग संवाद हुआ। जिसमें बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के स्वयंसेवकों के साथ विभिन्न पहलुओं पर समाजसेवियों संग चर्चा हुई। चर्चा के दौरान यमुना तटवर्ती गांवों से आए लोगों ने कहा कि अच्छी सड़कों की कमी से ही यमुना कटरी का अपेक्षित विकास नहीं हो रहा है।

कोर्रा कनक गांव से मनमोहन सिंह के साथ ग्रामीणों ने बताया कि मिट्टी कटान की बेहद गंभीर समस्या सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गई है। शोभा सिंह, रिटायर्ड प्रवक्ता ने कहा कि विकास की योजनाएं विकास भवन से 10 किमी दूर तक ही पहुंच पाती हैं। यमुना तटवर्ती गांवों तक जाने में अधिकारी और योजनाएं दोनों सकुचाते हैं। यमुना किनारे के किसानों को सिंचाई की अच्छी व्यवस्था मिलनी चाहिए। जनसेवा महासमिति के सचिव वीपी पांडेय ने जनपद का क्षेत्रफल बड़ा होने के साथ ही संसाधन सीमित होने की बात कही। कहा कि अन्ना गोवंश से नुकसान तो बहुत होता है। इनसे मुनाफा किस प्रकार लिया जा सकता है, इस बारे में किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है। यमुना तटवर्ती गांवों के किसानों को प्राकृतिक खेती विशेष रूप से गाय आधारित खेती के बारे में जानकारी नहीं है। महना गांव के रहने वाले सुरेंद्र सिंह, रिटायर्ड प्रवक्ता ने कहा कि यमुना तटवर्ती गांवों में अच्छी शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। यदि अवसर मिले तो तटवर्ती गांवाें के लोग देश के कोने-कोने में जाकर अपनी सार्थकता साबित कर सकते हैं।

श्रवण तिवारी, रामनारायण आदि लोगों ने तटवर्ती गांवों की बदहाली पर चर्चा की। रिटायर्ड अफसर प्रमोद तिवारी ने कहा कि धारा के विपरीत यात्रा करके समिति के स्वयंसेवकों ने अपने इरादे तो स्पष्ट कर दिए हैं। इन्हीं इरादों को मजबूत रखते हुए तटवर्ती गांवों की मुश्किल आसान करने तक संघर्ष जारी रखना चाहिए। रेलवे बोर्ड सलाहकार समिति के संतोष सिंह राजू ने कहा कि दशकों पुराने रजबहा, नाला, बम्बा लगभग समाप्त हो चुके हैं। इन्हेें चिह्नित करके दोबारा जीवित किया जाए, जिससे किसानों को सिंचाई का पानी मिल सके। राजकिशोर अग्निहोत्री, जेपी त्रिपाठी आदि लोगों ने समिति के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि जब भी उनकी आवश्यकता होगी वह साथ देंगे।

मलूकबारी गांव के रहने वाले प्रदीप पांडेय ने कहा कि दशकों पहले जब जलमार्ग से व्यापार होता था, लोग नदी के महत्व को समझते थे। थल मार्ग सामने आते ही लोगों ने नदी के महत्व को भुला दिया। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य जल्द ही लोगों के समक्ष आ जाएगा। यमुना तटवर्ती गांवों की खुशहाली ही उनका मुख्य उद्देश्य है। पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति तक खुशहाली पहुंचाने में समिति लगातार प्रयासरत है। यात्रा संयोजक धर्मेंद्र दीक्षित ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि तटवर्ती गांवों की दशा बदलने के लिए आगे भी ऐसी पद यात्राएं करने का संकल्प लिया। विवेक दीक्षित, देवब्रत त्रिपाठी, दुर्गेश अवस्थी, रामप्रसाद विश्वकर्मा, सीताराम, हिमांशु त्रिपाठी , आशीष त्रिपाठी,शेर सिंह,राम प्रसाद , सीता राम , राजेश प्रसाद आदि लोगों ने यात्रा अनुभव साझा किया। अनुभव संवाद का संचालन प्रेमशंकर मिश्रा ने किया।