राम मंद‍िर का सिंह द्वार चांदी से होगा तैयार, राम लला पहनेंगे सोने का हार, म‍िला 150 करोड़ का गुप्तदान

राम मंदिर निर्माण समर्पण- सहयोग का शानदार उदाहरण है। मंदिर निर्माण के लिए न केवल करोड़ों भारतीयों ने निधि समर्पित किया, बल्कि कुछ लोगों-समूहों और संस्थाओं ने सहयोग-समर्पण का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया। इसी क्रम में सोमवार को मंगलुरु की संस्था श्रीमद् स्वीकृतींद्र स्वामी सेवा प्रतिष्ठान जैसी संस्था सामने आई, जिसने राम मंदिर के सिंहद्वार को मंडित करने के लिए एक क्विंटल 67 किलो चांदी प्रदान की। संस्था की ओर से 40 ग्राम सोना भी भेंट किया गया।संस्था से जुड़े सीए जगन्नाथ के अनुसार रामलला की मूर्ति प्रतिष्ठापित होने के बाद संस्था की ओर से रामलला को एक किलो सोने का हार भी प्रदान किया जाएगा।रामलला के लिए पहले से ही निधि समर्पण की मिसाल बना रहे पूर्व आइपीएस अधिकारी एवं पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव रामलला के गर्भगृह की आंतरिक दीवारों से लेकर शिखर तक स्वर्ण मंडित करना चाहते हैं।

इसके लिए उन्हें रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से स्वीकृति की प्रतीक्षा है। आचार्य कुणाल के अनुसार यह उनके लिए सौभाग्य की बात होगी कि वह स्वयं और उनकी संस्था राम मंदिर को भव्यता प्रदान करने में काम आ सके।

तीन वर्ष पूर्व मंदिर निर्माण शुरू करने की तैयारियों के ही बीच आचार्य कुणाल ने महावीर मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये समर्पित करने की घोषणा कर दी थी और अब तक वह प्रति वर्ष दो करोड़ की किस्त के रूप में छह करोड़ रुपये समर्पित भी कर चुके हैं।शीर्ष रामकथा मर्मज्ञ मोरारी बापू राम मंदिर के लिए निधि समर्पित करने वालों में भी शीर्ष पर हैं। उन्होंने दो किस्तों में 14 करोड़ रुपये की राशि समर्पित की है।एसबीआइ के एक अधिकारी के अनुसार देश के एक शीर्षस्थ औद्योगिक समूह की ओर से मंदिर निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये दान दिए गए। साथ ही यह गोपनीयता बरती की दानदाता के रूप में उसका नाम उजागर न होने पाए। गुजरात के गिनती के ही हीरा व्यापारियों ने भी प्रचार-प्रसार से दूर रहकर राम मंदिर के लिए आठ करोड़ की राशि समर्पित की।