मजदूरी करने को मजबूर राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी की CM ने ली सुध, फोन पर 10 मिनट सुनी व्यथा किया आमंत्रित

पंजाब। पंजाब के फरीदकोट क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीतने के बावजूद अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए अनाज मंडी में मजदूरी करने को मजबूर राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी परमजीत सिंह की राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सुध ली है।गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने परमजीत सिंह को फोन करके उसके बारे में तमाम जानकारी ली और उसे 1 फरवरी को चंडीगढ़ आकर सीएम हाउस में मुलाकात करने का निमंत्रण दिया ताकि उसकी प्रतिभा का सम्मान किया जा सके।

हॉकी खिलाड़ी परमजीत सिंह की व्यथा को अमर उजाला ने 25 जनवरी के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने परमजीत सिंह की सुध लेने का अहम फैसला किया है।

जानकारी के अनुसार फरीदकोट के राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी परमजीत सिंह की प्रतिभा किसी भी मायने में कम नहीं रही। उसने विद्यार्थी जीवन के दौरान ही राष्ट्रीय स्तर के 9 हॉकी मुकाबलों में भाग लेकर 5 स्वर्ण पदक जीते। इसके अलावा दो बार राष्ट्रीय स्तर की टीम में स्थान प्राप्त किया लेकिन सरकारों की अनदेखी के कारण इन दिनों वह अपना परिवार का पालन पोषण करने के लिए यहां की अनाज मंडी में पल्लेदारी करने को मजबूर हो चुका है।

मूल रूप से यूपी के रहने वाले और पंजाब में जन्मे परमजीत सिंह के पिता फरीदकोट के सरकारी बरजिंद्रा कॉलेज में माली के रूप में काम करते थे। कॉलेज में खिलाड़ियों को मैदान में देखकर ही उसने भी हॉकी में दम खम दिखाया और अपने अच्छे प्रदर्शन की बदौलत एनआईएस पटियाला में दाखिला हासिल करके 6वीं से 12वीं कक्षा की पढ़ाई की और जूनियर व सीनियर वर्ग की राष्ट्रीय खेलों में उसका 9 बार चयन हुआ और 5 बार पदक जीते।

इसके बाद उसने बिजली बोर्ड और पंजाब पुलिस की तरफ से अनुबंध करके मैदान में जौहर दिखाए लेकिन बाद में किसी ने उसकी सुध नहीं ली। आखिरकार इन दिनों परिवार का पालन पोषण करने के लिए मजदूरी करने को मजबूर हो गया।

गणतंत्र दिबस पर सीएम मान ने परमजीत सिंह को फोन किया और उसे चंडीगढ़ बुलाया है। इस संबंध में हॉकी खिलाड़ी परमजीत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उसके साथ करीब 8-10 मिनट तक बात करते हुए कहा कि पंजाब की खेलों में अच्छी प्रतिभा रही है लेकिन पिछली सरकारों ने उसे संभालने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि पहले सीएम मान ने खुद बात की थी और उसके बाद उनके पीए ने फोन करके अपना नंबर सेव करने को कहा और वीडियो कॉल के माध्यम से सीएम मान को दिखाया।

परमजीत के अनुसार जिस तरह मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उससे बात करके भरोसा दिया है, उसे पूरी उम्मीद है कि पंजाब सरकार की तरफ से उसे योग्यता के मुताबिक रोजगार मुहैया करवाया जाएगा जिससे वह अपने बेटे को भी हॉकी का राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाएगा।