पटवारी परीक्षा: एक जैसे सिग्नेचर, अंग्रेजी में पूरे नंबर. BJP MLA के कॉलेज से कैसे निकले एक साथ 7 टॉपर…?
इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के कलेक्टर कार्यालय का बड़ी संख्या में पटवारी परीक्षा में घोटाले को लेकर छात्रों ने गुरुवार को हंगामा करते हुए घेराव किया. दरअसल पिछले दिनों मध्यप्रदेश की ई.एस.बी उर्फ व्यापम द्वारा ग्रुप 2 और ग्रुप 4 पटवारी की पोस्ट पर भर्ती हेतु परीक्षा कराई की गई थी.जिसमें व्यापक स्तर पर धांधली के आरोप लगाते हुए छात्र सड़कों पर उतर आए हैं और इंदौर के साथ ही पूरे मध्यप्रदेश में अलग-अलग तरह से प्रदर्शन किया जा रहा है.
छात्रों का आरोप है कि ई.एस.बी द्वारा जो टॉप 10 छात्रों की लिस्ट जारी की गई है उसमें 7 छात्र वो हैं जिनका एग्जाम सेंटर एनआरआई कॉलेज ग्वालियर था. जो कि बीजेपी के विधायक का कॉलेज बताया जा रहा है, तो वहीं छात्रों ने तो यह भी आरोप लगाया है कि जो टॉपर एनआरआई कॉलेज से है उनके रोल नंबर 24887991 से 24889693 है जबकि 14 लाख छात्रों ने इस एग्जाम को दिया था, लेकिन 1700 रोल नंबर में से सारे टॉपर कैसे आ गए.
जिन्हे अंग्रेजी में साइन करने नहीं आते वो इस सब्जेक्ट में पूरे नंबर कैसे ला सकते हैं?
छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो टॉप 10 में आए हैं उनके एग्जाम फॉर्म पर सिग्नेचर हिंदी में है सभी सिग्नेचर की राइटिंग भी सेम हैं. इन्होंने एग्जाम फॉर्म पर सिग्नेचर हिंदी में किए हैं जबकि अंग्रेजी के पेपर में पूरे मार्क्स प्राप्त किए हैं यह कैसे हो सकता है जो अपना सिग्नेचर हिंदी में करें. वह व्यक्ति अंग्रेजी के पेपर में पूरे नंबर प्राप्त कर रहा है, तो वहीं छात्रों ने तो यह भी आरोप लगाया है कि सभी टॉपर एक विशेष क्षेत्र से आते हैं. व्यापम द्वारा गलती से जिन प्रश्नों के गलत उत्तर दे दिए, जिन्हें बाद में हटा दिया गया उन्हें गलत विकल्पों का जो व्यापम द्वारा दिए गए उनके द्वारा चयन कैसे कर लिया गया.
इसी के साथ उक्त भर्ती परीक्षा जिस एजेंसी ने कराई, वह कंपनी केंद्र सरकार द्वारा ब्लैक लिस्ट की गई है. फिर भी ईएसबी ने इस ब्लैक लिस्टेड कंपनी को टेंडर दिया. परीक्षा पेपर में प्रश्न को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं. एक पेपर में 30 से 35 प्रश्न गलत है कुछ उत्तर गलत है, कुछ ट्रांसलेट गलत है कुछ डाटा से बाहर है जब परीक्षा चल रही थी तब ग्वालियर, मुरैना, भिंड के कुछ संदिग्ध पकड़ में आए थे, जो पैसा लेकर थंब क्लोन बनाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे. भर्ती परीक्षा में जानबूझकर परीक्षार्थियों को पास के सेंटर छोड़कर 400 से 500 किलोमीटर दूर एग्जाम सेंटर दिए गए हैं यह किस उद्देश्य से दिए गए थे.
कलेक्टर ने कहा सीएम तक पहुंचाई जाएगी छात्रों की मांग
जून 2023 में यह बात सामने आई थी कि ईएसबी ने भर्ती बिना जैमर के करा दी गई है. जबकि ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में जैमर अत्यंत आवश्यक है, तो वहीं विगत वर्ष 2022 में शिक्षक भर्ती वर्ग 3 की परीक्षा में भी फर्जीवाड़ा सामने आया था. तब भी यही ब्लैक लिस्टेड परीक्षा एजेंसी थी.
फिलहाल तमाम तरह की बातों को लेकर छात्रों के साथ ही एग्जाम से जुड़े हुए युवकों ने इंदौर के कलेक्टर कार्यालय पर एकत्रित होकर जमकर घेराव किया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही कई पर गंभीर आरोप भी लगाए. तो वही जिस तरह से एकाएक काफी संख्या में लोग इकट्ठा हुए उसको देखते हुए कलेक्टर कार्यालय के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को भी तैनात कर दिया गया. छात्रों की मांग है कि वह कलेक्टर को पूरे मामले की शिकायत कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देना चाहते हैं फ़िलहाल कलेक्टर ने भी छात्रों को आश्वासन दिया है कि वह इस पूरे मामले में जो भी मांगे हैं वह मुख्यमंत्री तक पहुंचा देंगे.