Wednesday, September 17, 2025
मनोरंजन

Jawan Review: शाहरुख खान वो सब डिलीवर करते हैं, जिसका वादा टीजर के समय से किया जा रहा था

 

बेटे को हाथ लगाने से पहले बाप से बात कर… जवाब का ट्रेलर आते ही ये डायलॉग वायरल हो गया था. इंतजार था इसे बड़े पर्दे पर किंग खान के मुंह से सुनने का लेकिन नहीं सुन पाए क्योंकि इतनी सीटियां बज रही थी. इतनी तालियां बज रही थी. इतना शोर हो रहा था कि शाहरुख का ये डायलॉग पूरी शिद्दत से चाहने के बाद भी नहीं सुन पाया. ये जादू है शाहरुख खान का जिन्होंने थिएटर को एक तरह से स्टेडियम में बदल डाला. जवान शानदार है, फुल पैसा वसूल है और इस फिल्म से तय हो गया है कि शाहरुख खान का दौर एक बार फिर जबरदस्त तरीके से लौटकर आया है और ये जल्द खत्म होने वाला नहीं है.

 

कहानी

ये कहानी है एक जवान की जिसकी जिंदगी खराब सरकारी सिस्टम की वजह से खराब हो जाती है और फिर किस तरह से उसका बेटा इस सिस्टम का ही इस्तेमाल करके सिस्टम ठीक करता है. कहानी में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई है, गरीबों के हक की बात है. किसानों की आत्महत्या की बात है, खराब हेल्थ सिस्टम की बात है, सही नेता को वोटिंग की बात है. कहानी कोई नई नहीं है लेकिन जिस तरह से कही गई है वो देखने थिएटर चले जाइए.

 

कैसी है फिल्म

ये फिल्म शानदार है. पहले 30 मिनट तो बवाल हैं. इसके बाद गाने फिल्म की पेस को स्लो करते हैं लेकिन ज्यादा नहीं. फिल्म में एक के बाद एक ट्विस्ट आते हैं और आप हैरान होते रहते हैं. किंग खान स्क्रीन पर जो करिश्मा चलाते हैं उसे बस आप थिएटर में बैठकर महसूस कर सकते हैं. उसे किसी तरह से लिखा नहीं जा सकता. शाहरुख एक के बाद एक नए अवतार में दिखते हैं और बवाल लगते हैं. जब शाहरुख सफेद बालों और दाढ़ी में आते हैं तो लगता है कि इससे हैंडसम बुजुर्ग हो ही नहीं सकता. शाहरुख ने अब तक भले रोमांस किया हो लेकिन ये फिल्म बताती है कि किंग खान वाकई किंग है और वो अपना मैजिक जब चलाते हैं तो हर मैजिक फेल हो जाता है. फिल्म में अगर गानों को छोड़ दिया जाए तो कुछ बोरिंग नहीं लगता. कुछ ज्यादा नहीं लगता. आप एंड तक एंटरटेन होते हैं और जबरदस्त तरीके से एंटरटेन होते हैं.

 

एक्टिंग

शाहरुख खान ने कमाल की एक्टिंग की है. उनके एक एक सीन एक एक डायलॉग पर सीटियां बजती हैं. पहली बार यहां गंजे शाहरुख दिखते हैं और वो स्क्रीन पर आग लगा देते हैं. शाहरुख ने खुद ही की इमेज तोड़कर रख दी है. विजय सेतुपति ने विलेन के रोल में जान डाल दी है. हीरो की हीरोगीरी तभी सामने आती है जब विलेन दमदार हो और इससे दमदार विलेन नहीं हो सकता था. वो स्क्रीन पर आते ही खौफ फैला देते हैं. नयनतारा कमाल की लगती हैं और उनकी एक्टिंग भी जबरदस्त है. दीपिका को रोल छोटा है लेकिन वो अपना असर छोड़ जाती हैं. रिद्दी डोगरा औऱ सान्या मल्होत्रा के रोल छोटे लेकिन अहम हैं और उन्होंने भी अच्छा काम किया है