सरयू एक्सप्रेस में महिला आरक्षी पर हमले का मुख्य आरोपी अनीस खान मुठभेड़ में ढेर

 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस में महिला मुख्य आरक्षी पर हमले के मामले में पुलिस ने एक अपराधी अनीस खान पुत्र रियाज खान को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। यह रहने वाले हैदरगंज थानाक्षेत्र का रहने वाला था। साथ ही दो अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसटीएफ और अयोध्या पुलिस की ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान यह बड़ी कार्रवाई की गई। पुलिस और अपराधियों से मुठभेड़ अयोध्या के थाना पूराकलंडर के छतिरया कैल मार्ग पर हुई। इसमें सिपाही भी घायल हो गए है। घायल बदमाश व सिपाही को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।

 

29/ 30 अगस्त की रात सरयू एक्सप्रेस में हुई थी घटना

अयोध्या एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि यह घटना 29/ 30 अगस्त की रात में अज्ञात हमलावरों ने सरयू एक्सप्रेस में एक महिला आरक्षी पर जानलेवा हमलाकर घायल कर दिया था। महिला सिपाही की सावन मेले के दौरान ड्यूटी लगी थी। इसीलिए वह सुलतानपुर से अयोध्या में ड्यूटी करने के लिए सरयू एक्सप्रेस से आ रही थी।

 

महिला आरक्षी का लखनऊ के ट्रामा सेंटर में उपचार चल रहा है। इसी घटना के बाद से पुलिस महानिदेशक ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस, एसटीएफ और रेलवे पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई। टीम गठित होने के बाद से एसटीएफ हमलावरों की तलाश में जुट गई और एसटीएफ के हाथ सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से एक बड़ा सबूत हाथ लगा। हमलवारों का फोटो जारी करके उनका नाम बताने वाले के लिए एक लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की।

 

गिरफ्तारी का किया प्रयास तो शुरू कर दी फायरिंग

इसी क्रम में आज एक सूचना के तहत एसटीएफ की टीम और अयोध्या पुलिस ने थानाक्षेत्र के इनायत नगर में एक जगह पर महिला आरक्षी पर हमला करने वाले हमलावरों की गिरफ्तारी का प्रयास किया तो इनके द्वारा पुलिस टीम पर फायरिंग की गई। आत्मरक्षा के लिए की गई पुलिस फायरिंग में दो अभियुक्त घायल हो गए उन्हें तत्काल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

 

इस दौरान एक अभियुक्त फायरिंग करते हुए भाग गया। पुलिस व एसटीएफ की सर्च आपरेशन के दौरान फरार हुए अभियुक्त को थाना कलंदर में दोबारा से चिन्हित किया गया और उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा गया तो उसके द्वारा पुलिस पर फायरिंग की गई। आत्मरक्षार्थ के लिए पुलिस ने भी फायरिंग की। जिसमें अभियुक्त घायल हो गया। सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर ने एक अभियुक्त अनीस खान पुत्र रियाज खान रहने वाला हैदरगंज थानाक्षेत्र का रहने वाला है उसकी मौत हो गई।

 

 

घायल अभियुक्त सुलतानपुर और हैदरगंज के रहने वाले

इसके अलावा दो अभियुक्त आजाद पुत्र मुख्तार जो कि हैदरगंज कर रहने वाला है और विशंभर दयालय उर्फ लल्लू पुत्र प्रेम नारायण जो की कूड़ेभार सुलतापुर का रहने वाला है। यह दोनों घायल हैं, इनका उपचार चल रहा है।सभी का अस्पताल में बेहतर उपचार कराया जा रहा है। एसटीएफ और पुलिस विभाग की टीम मौके मौजूद रहकर जांच पड़ताल कर रही है। । इस मुठभेड़ में थानाध्यक्ष पूराकलंदर रतन शर्मा भी घायल हो गए हैं। उनके हाथ में गोली लगी है। 2 अन्य सिपाहियों के भी चोटिल होने की जानकारी मिल रही है। उनका भी जिला अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है।

 

घायल अभियुक्त ट्रेनों में करते थे चोरियां

एसटीएफ के मुताबिक, अनीश, आजाद और विशम्बर पेशेवर चोर हैं। चलती ट्रेनों में ही चोरियां करते हैं। 30 अगस्त की रात सरयू एक्सप्रेस में चोरी के इरादे से ही चढ़े थे। अयोध्या स्टेशन आने से पहले बोगी तकरीबन खाली हो चुकी थी। उस दौरान ये तीनों सीट पर बैठे मोबाइल पर गंदी फिल्म देख रहे थे। इसी बीच अयोध्या में पूरी तरह से बोगी खाली होने पर उन्होंने महिला के साथ जबरदस्ती करना शुरू किया।

 

कांस्टेबल ने विरोध किया, तो उसके चेहरे पर धारदार चीज से वार किए। सिर को खिड़की से टकराया। फिर भी वो कांस्टेबल लड़ती रही। हावी होने पर नाकाम होने पर महिला कांस्टेबल की पिटाई की।इसके बाद कांस्टेबल बेसुध हो गई। जमीन पर गिर पड़ी। इसके बाद उसके कपड़े उतार दिए। इस दौरान मनकापुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन पहुंच गई। पकड़े जाने के डर से बदमाशों ने कांस्टेबल को सीट के नीचे ढकेल दिया। फिर मनकापुर स्टेशन पर ही उतर गए।मोबाइल भी स्वीच ऑफ कर लिया।पूरे घटना की जानकारी अयोध्या स्टेशन पहुंचने के बाद हुई

 

तीनों ने एक साथ स्वीच आफ किया था मोबाइल,इसी से मिली सफलता

एसटीएफ के अनुसार जांच शुरू होने के बाद पुलिस ने संदिग्धों के स्कैच बनवाए थे। इसी दौरान घटना की टाइमिंग के हिसाब से मनकापुर स्टेशन पर तीन मोबाइल नंबर एक साथ स्वीच ऑफ होने के बारे में पुलिस को पता चला। जोकि फिर बाद में खुले ही नहीं। इस आधार पर पुलिस मोबाइल का पीछा करते हुए इन बदमाशों तक पहुंच गई।

 

महिला कांस्टेबल का घर प्रयागराज के भदरी गांव में है। वह 4 बहनों और 2 भाइयों में दूसरे नंबर की हैं। 1998 में जब वह 18 साल की हुईं, तो स्पोर्ट्स कोटे से यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल बन गईं। इसी साल की शुरुआत में सुमित्रा को प्रमोशन मिला और वह हेड कॉन्स्टेबल बन गई। इस वक्त वह सुल्तानपुर जिले में तैनात हैं। विभाग ने पिछले कुछ दिनों से उनकी ड्यूटी अयोध्या के सावन झूला मेला में लगाई थी।