स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बेटी को पास करवाने के लिए बदल दिए नीट पीजी के नियम

 

नीट पीजी की क्वालिफाइंग कटऑफ घटाकर जीरो पर्सेंटाइल किए जाने का मामला और बढ़ गया है। सरकार ने इसके पीछे अपना मकसद बताते हुए कहा कि जब तक एडमिशन के लिए सीटें खाली रहती हैं, तब तक काउंसिलिंग जारी रहेगी। हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने साफ किया कि जीरो का मतलब यह नहीं है कि जीरो अंक पाने वाले को भी एडमिशन मिल जाएगा, बल्कि जहां तक सीटें रहेंगी, वहां तक एडमिशन होंगे।

 

यह फैसला लिए जाने के बाद कांग्रेस ने भी हमला बोला, वहीं सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स द्वारा विरोध किया जा रहा है। एक यूजर ने दावा किया है कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया नेअपनी बेटी का एडमिशन करवाने के लिए नीट पीजी के नियमों में बदलाव किया है। इस दावे को मंडाविया ने खारिज कर दिया है। नीट पीजी के नियम बदलने के बाद से ही यह मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।

 

कई लोगों ने इस विवाद को स्वास्थ्य मंत्री की बेटी से जोड़ दिया है। पुष्पराज यादव नामक यूजर ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा, ”नीट पीजी पास करने का स्कोर जीरो क्यों हुआ? किसकी वज़ह से हुआ और किसने कराया? दिशा मांडविया। जी हां। पीएम मोदी के स्वास्थ्य मंत्री का नाम मनसुख मांडविया है। ये उनकी बेटी हैं। नीट पीजी 2023 में कुल 160 नंबर लेकर आईं, जबकि क्वालीफाइंग स्कोर 291 है। फिर पप्पा से बोलीं–मुझे पास करवाओ। पप्पा ने पूरी परीक्षा का पासिंग स्कोर शून्य करवा दिया।