जंग में दोनों तरफ से 3200 से अधिक लोगों की मौत, हमास के कब्जे में कैद 120 से ज्यादा इजरायली नागरिक
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग का आज आठवां दिन है. दोनों तरफ से एक दूसरे पर रॉकेट से लगातार हमले किए जा रहे हैं. अभी तक इस जंग में दोनों तरफ से 3200 से अधिक लोगों की मौत हो गई. इजरायली सेना अब गाजा पट्टी में उतरकर हमास के खिलाफ ऑपरेशन करने की तैयारी में है. इजरायल ने ऐलान किया है कि वह हमास का खात्मा करके रहेगा.
इस बीच आईडीएफ ने पुष्टि की है कि गाजा में हमास के लड़ाकों द्वारा अभी भी उसके 120 से अधिक नागरिकों को बंदी बनाया गया है. ऐसे में अब इजरायल के सामने असल चुनौती अपने बंदी बनाए गए नागरिकों की सुरक्षित रिहाई भी है. इजरायली सेना (आईडीएफ) के ‘ऑपरेशन स्वोर्ड्स ऑफ आयरन’ का लक्ष्य गाजा में सेना द्वारा पहले किए गए किसी भी एक्शन से कहीं अधिक महत्वाकांक्षी प्रतीत होता नजर आ रहा है.
इजरायल गाजा में रहने वाले लोगों को अल्टीमेटम दे चुका है कि वो 24 घंटे के अंदर इसे खाली कर दें, तांकि वह अपने सैन्य ऑपरेशन को अंजाम दे सके. हालांकि गाजा पट्टी पर ऑपरेशन करना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि यह घनी आबादी वाला क्षेत्र है जिससे नागरिकों की जान का जोखिम बना रहता है. हवाई हमलों में पहले ही सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और 400,000 से अधिक लोग अपने घर छोड़कर भाग गए हैं.
इजरायली टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां गाजा में दक्षिणी हिस्से के बॉर्डर तक पहुंच चुके हैं गाजा पट्टी के अंदर सबसे आगे इजरायल का अत्याधुनिक युद्धक टैंक ‘मर्कवा’ सबसे आगे है और पैदल सेना के बख्तरबंद वाहनों सहित सेना की मशीनीकृत सेनाएं युद्ध के लिए तैयार हैं. इज़रायली सेना का लक्ष्य गाजा के अंदर सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा करना और हमास का खात्मा करना है. हमास के सुरंगों के नेटवर्क को नष्ट करने के लिए बड़ी संख्या में बुलडोजर, अर्थ मूवर्स और अन्य कर्मी भी तैयार किए जा रहे हैं.
इन टैंकों को ना केवल दक्षिणी सीमा पर बल्कि गाजा की उत्तरी सीमा पर भी तैनात किया गया है. आदेश मिलते ही ये गाजा में घुसने को तैयार है. गाजा जैसे घनी आबादी बहुल इलाके में सैन्य ऑपरेशन चलाने के दौरान कई दिक्कतें आ सकती है. 2014 में गाजा में इजरायली पैदल सेना बटालियन को टैंक रोधी खदानों, स्नाइपरों और घात लगाकर किए गए हमलों से भारी नुकसान हुआ था, इस दौरान गाजा शहर के उत्तरी इलाके में लड़ते हुए सैकड़ों नागरिक मारे गए थे.
इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) के प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस ने बताया था कि हमास ने अंडरग्राउंड टनल का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर रखा है. आईडीएफ के मुताबिक, 2007 में गाजा पट्टी पर कब्जा करने के बाद से हमास के लड़ाके इन सुरंगों का इस्तेमाल गाजा सिटी से गाजा पट्टी के बाकी इलाकों में आने-जाने के लिए करते हैं. फोर्स ने बताया था कि इन सुरंगों के जरिए हमास और नुखबा के लड़ाके हमलों को अंजाम भी देते हैं. आईडीएफ अब इन सुरंगों को निशाना बना रही है.
फिलिस्तीन का इस्लामिक चरमपंथी संगठन है. 1987 में बना था. इस्माइल हानियेह इसका मुखिया है. इजरायल के अलावा अमेरिका समेत कई देशों ने हमास को आतंकी संगठन घोषित करके रखा है. 2007 से हमास का गाजा पट्टी पर दबदबा है. अरसे से हमास इजरायल पर हमले करते रहा है. हमास का सबसे ज्यादा समर्थन ईरान करता है. ईरान से ही हमास को सबसे ज्यादा फंडिंग होती है.