हमास 2 साल से तैयारी कर रहा था. इजरायली खुफिया एजेंसी को भनक तक नहीं लगी

 

 

दुनिया के शक्तिशाली देशों में शुमार इजरायल 7 अक्टूबर को उस वक्त बुरी तरह से दहल गया, जब फिलिस्तीनी संगठन हमास ने उस पर हमला कर दिया था. हमास ने सुनियोजित तरीके से इजरायल पर पहले हजारों रॉकेट दागे. इसके बाद हमास के लड़ाके समुद्र, जमीन और हवा से इजरायल के सीमावर्ती इलाकों में घुसे और कत्लेआम मचाया. हमास इन हमलों के लिए 2 साल से तैयारी कर रहा था. चौंकाने वाली बात तो ये है कि इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को इसकी भनक तक नहीं लगी.

इजरायल द्वारा अमेरिका के साथ साझा की गई खुफिया जानकारी के मुताबिक, इन हमलों की साजिश हमास के एक छोटे से ग्रुप ने रची. ग्रुप में शामिल लड़ाकों ने साजिश रचने में सुरंगों के भीतर बनी फोन लाइन का इस्तेमाल किया. इन फोन लाइन पर ये लड़ाके गुप्त रूप से बात करते थे, ताकि इजरायली खुफिया एजेंसी उन्हें ट्रैक न कर पाए.

 

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि दो साल की प्लानिंग के दौरान इन लड़ाकों ने आपस में बात करने और ऑपरेशन की योजना बनाने के लिए हार्डवायर्ड फोन लाइनों का इस्तेमाल किया. इजरायल पर हमले की साजिश रचने वाला पूरा ग्रुप 7 अक्टूबर तक अंडर ग्राउंड रहकर काम करता रहा, जब तक हमले के लिए लड़ाकों को बुलाने का समय नहीं आया.

 

 

सूत्रों के मुताबिक, हमास लड़ाकों ने 2 साल तक जानबूझकर सेल फोन और कम्प्यूटर का इस्तेमाल नहीं किया, ताकि इजरायल और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की उन पर नजर न पड़े. इजरायल द्वारा अमेरिकी अधिकारियों के साथ साझा की गई खुफिया जानकारी से पता चलता है कि हमास ने इन हमलों की साजिश के दौरान न तो बैठकें आयोजित की और न ही डिजिटल संचार जैसे पुराने जमाने के माध्यमों का इस्तेमाल किया.

 

यह उन वजहों में से एक है कि इजरायल की नाक के नीचे हमास ने इतनी बड़ी साजिश रची और उसके 1500 लड़ाकों ने सीमा में घुसकर कत्लेआम मचाया और इजरायली खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक नहीं लगी.

 

इजरायली सेना पिछले 15 सालों से हमास द्वारा बनाई गईं इन सुरंगों को ‘गाजा मेट्रो’ कहती है. हमास ने गाजा में 2500 से ज्यादा सुरंगों को मजबूत नेटवर्क बना रखा है. इन्हीं सुरंगों की मदद से हमास ने इजरायली सेना की नाक में दम किया हुआ है. हमास की यह सुरंगे गाजा की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में फैली हैं, जहां इजरायली हमलों की संभावना कम ही रहती है, जिस वजह से सुरंगों का पता लगा पाना भी मुश्किल हो जाता है. हमास ने इजरायल से बनाए गए बंधकों को भी इन्हीं सुरंगों में रखा है.

 

हमास का दावा है कि अंडरग्राउंड सुरंगों का उसका यह नेटवर्क करीब 500 किलोमीटर तक में फैला हुआ है. जिसके एक्सेस पॉइंट कुछ इमारतों तो कई स्कूलों और मस्जिदों में भी हैं. हमास इन सुरंगों का इस्तेमाल रॉकेट और गोला-बारूद को सुरक्षित रखने के लिए भी करता है. साथ ही हमास ने इनमें कमांड और कंट्रोल सेंटर भी बना रखा है.