जापान के निवेशकों ने नए औद्योगिक निवेश को लेकर रुचि दर्शायी : मुख्यमंत्री
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आज यहां उनके सरकारी आवास पर जापान के राजदूत श्री हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में आये जापानी उद्यमियों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट कर नए निवेश प्रस्तावों के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री जी ने प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत व जापान के सम्बन्ध सदा ही मैत्रीपूर्ण रहे हैं। दोनों देशों में परस्पर सौहार्द और बढ़ते हुए द्विपक्षीय व्यापार तथा सर्वांगीण सहयोग विद्यमान हैं। दोनों देश बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। समान सामाजिक-आर्थिक विकास की प्राथमिकताओं के साथ लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं बहुलवादी प्रणालियों के साथ-साथ विश्वस्तरीय सामरिक दृष्टिकोण भी समान हैं।
मुख्यमंत्री जी ने भारत-जापान के प्राचीन सांस्कृतिक सम्बन्धों पर चर्चा करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म के प्रसार के कारण भारत व जापान के बीच सदियों से मजबूत सांस्कृतिक सम्बन्ध रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप भारतीय और जापानी लोगों के बीच एक मजबूत साझा पहचान सृजित हुई। उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े अनेक आस्था स्थल हैं। कपिलवस्तु, सारनाथ, संकिसा, श्रावस्ती तथा कुशीनगर बौद्ध मतावलम्बियों के लिए आस्था के बड़े केंद्र हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री शिंजो आबे के प्रगाढ़ सम्बन्धों ने आधुनिक युग में भारत-जापान के राजनीतिक, आर्थिक और व्यावसायिक सम्बन्धों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। जनपद वाराणसी में जापान के सहयोग से निर्मित विश्वस्तरीय रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर इसका उदाहरण है।
मुख्यमंत्री जी ने जापान के उद्यमियों से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश की विस्तृत सम्भावनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार जापानी कम्पनियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में बड़ी संख्या में निवेश के प्रस्ताव मिलने के बाद प्रदेश में एक बार फिर जापान के निवेशकों ने नए औद्योगिक निवेश को लेकर रुचि दर्शायी है। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के पार्टनर कंट्री के रूप में जापान का बड़ा सहयोग मिला।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में तेजी से औद्योगिक पार्क,
उत्कृष्टता केंद्र और अनुसंधान एवं विकास केंद्र विकसित कर रही है। ग्रेटर नोएडा में 750 एकड़ में विकसित जा रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, हैण्डीक्राफ्ट पार्क, लॉजिस्टिक हब इत्यादि यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट विकसित किए जा रहे हैं। अन्य परियोजनाओं में बरेली में मेगा फूड पार्क, उन्नाव में ट्रांस- गंगा सिटी, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गोरखपुर में गारमेन्ट पार्क और उ0प्र0 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर सम्मिलित हैं।
प्रदेश सरकार 20 से अधिक सेक्टोरल नीतियों के साथ ही अपनी नई औद्योगिक नीति के अन्तर्गत आकर्षक सब्सिडी प्रदान करती है। राज्य सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर, बायो-फ्यूल, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन, डेयरी जैसे विभिन्न सेक्टर्स के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। इन नीतियों में स्टाम्प ड्यूटी एवं इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट, भूमि के मूल्य में छूट, पूंजीगत सब्सिडी, नेट एस0जी0एस0टी0 का रिफण्ड आदि हमारे जापानी निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहन हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने फॉरेन डायरेट इन्वेस्टमेन्ट एवं फॉर्चून-500 कम्पनियों के लिए प्रोत्साहन नीति घोषित की है। उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है और यहां मानव संसाधन, कुशल श्रम बल और बड़ा उपभोक्ता बाजार उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश भारत की ’फूड बास्केट’ के रूप में विख्यात है। इसमें कृषि, खाद्य प्रसंस्करण व डेयरी सेक्टर्स में असीम अवसर हैं। प्रदेश वाराणसी सिल्क क्लस्टर सहित भारत के प्रमुख टेक्सटाइल केंद्रों का हब है। पर्यटन भी एक प्राथमिक सेक्टर है, जो राज्य में निवेशकों के लिए एक अच्छा गंतव्य हो सकता है।
जापानी प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व कर रहे जापानी राजदूत श्री हिरोशी सुज़ुकी ने उत्तर प्रदेश में उद्योग-व्यापार के असीम अवसरों, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हो रहे कार्यों और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि जापान के निवेशक उत्तर प्रदेश की नीतियों से उत्साहित हैं। निवेशकों का यह उत्साह भारत और जापान के मजबूत सम्बन्धों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इण्डिया के चेयरमैन व एम0डी0 श्री निखिल चंद्रा ने कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एस्कॉर्ट कुबोटा फार्म इंस्टीट्यूट की स्थापना को लेकर अपनी रुचि जताई।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश में कार्यरत 07 प्रमुख कंपनियों (मित्सुई टेक्नोलॉजीज, होंडा मोटर्स, यामाहा मोटर्स, डेंसो, टोयोड्रंक, निसिन एबीसी लॉजिस्टिक्स, सेकिसुई डी0एल0जे0एम0 मोल्डिंग) सहित 1,400 से अधिक जापानी कम्पनियां भारत में संचालित हैं। जापानी प्रतिनिधिमण्डल में जापानी दूतावास के पॉलिटिकल काउंसलर श्री केंतारो ओरिता, जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी के मुख्य प्रतिनिधि श्री मित्सुनरी साइतो, जापान एक्सटर्नल ट्रेड संगठन के चीफ डायरेक्टर जनरल श्री ताकाशी सुज़ुकी, जापान फाउंडेशन, नई दिल्ली के डायरेक्टर जनरल श्री तोशीटोको कुरिहारा, जे0सी0सी0आई0आई0 के सेक्रेट्री जनरल श्री केंजी सुगिनो, मित्सुबिशी कारपोरेशन के चेयरमैन व एम0डी0 श्री यूजी तागुची, कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इण्डिया के चेयरमैन व एम0डी0 श्री निखिल चंद्रा, ओ0एम0सी0 पॉवर के सी0ई0ओ0 व एम0डी0 श्री रोहित चंद्रा, कॉगनवी इंडिया के एम0डी0 श्री मित्सुताका सेकिनो, होंडा कार इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट श्री प्रवीण परांजपे सहित जापानी दूतावास के अनेक अधिकारी मौजूद थे।
इस विशेष बैठक में प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, औद्योगिक विकास राज्यमंत्री श्री जसवन्त सिंह सैनी, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ0 देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री अमित मोहन प्रसाद, आर्थिक सलाहकार मुख्यमंत्री डॉ0 के0वी0 राजु, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह व सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अनिल सागर, इन्वेस्ट यू0पी0 के सी0ई0ओ0 श्री अभिषेक प्रकाश, इन्वेस्ट यू0पी0 के ए0सी0ई0ओ0 श्री प्रथमेश कुमार, निदेशक सूचना श्री शिशिर सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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