अब इस माफिया पर यूपी पुलिस की ढेडी नजर

 


उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से ही बाहुबलियों और माफियाओं के बुरे दिन शुरू हो गए. पहले अमरमणि त्रिपाठी, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद और विजय मिश्रा के साम्राज्य को ध्वस्त करने के बाद सरकार की नजरें पूर्वांचल के सबसे बड़े बाहुबली नेता दिवंगत हरिशंकर तिवारी की ओर पड़ चुकी हैं. इसकी शुरूआत हरिशंकर तिवारी के परिवार से संबंधित करोड़ों की संपत्तियों को जब्त करने के साथ हुई है. ईडी ने बाहुबली नेता के बेटे विनय शंकर तिवारी पर शिकंजा कसते हुए उनके परिवार की 72 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है. उनकी ये संपत्तियां लखनऊ, गोरखपुर और महराजगंज जिले में स्थित हैं. इसे तिवारी परिवार पर गहरी चोट माना जा रहा है.

 

बाहुबली रहे हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं. यूपी की राजनीति में उनके परिवार का लंबे समय तक दखल रहा है. एक वक्त था जब पूर्वांचल क्या पूरे देश में हरिशंकर तिवारी की तूती बोलती थी. उनके बाहुबल और होशियारी की वजह से अपराध से लेकर राजनीति तक कोई कभी उनको शिकस्त नहीं दे पाया. वीरेंद्र शाही से लेकर श्रीप्रकाश शुक्ला तक एक से बढ़कर एक माफिया और बाहुबली पैदा हुए, लेकिन उनके आगे कोई टिक नहीं पाया. यहां तक कि उनके परिवार के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद सीबीआई और ईडी भी उनके जीवित रहते कार्रवाई नहीं कर पाई. लेकिन निधन के बाद केंद्रीय एजेंसी ने पहली बार जोरदार झटका दिया है.