”मैं आज से डेढ साल पहले आगरा के एक स्पॉ सेंटर में नौकरी के लिए गई थी. वहां जीतू, सोनू, रिया और अशोक से मेरी मुलाकात हुई. मैंने कहा कि मुझे नौकरी की जरूरत है, तो उन लोगों ने 10 हजार रुपए प्रति महीने की सैलरी पर मुझे रिस्पेशनिस्ट रख लिया. शुरू के एक महीने तक मुझे समय से पैसा मिला. उसके बाद में उन लोगों ने मुझे एक लालच दिया. उनको मेरी आर्थिक स्थिति के बारे में पता था. इसलिए उन्होंने कहा कि जो पैसा मैं एक महीने में कमा रही हूं, वो दो-तीन दिन में भी कमा सकती हूं. इसके बाद उन लोगों ने मुझे सोनू के साथ एक कमरे में भेज दिया. मैंने उससे बात करनी चाही, तो उसने जबरन मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए. इस दौरान मेरी वीडियो भी बनाता रहा. मैं मजबूर थी. मुझे मकान के किराए के पैसे चुकाने थे. उन लोगों ने मुझे 5000 रुपए दिए, जिसे लेकर मैं घर चली गई.

 

अगले दिन जब मैं काम पर पहुंची, तो इन लोगों ने पहले से एक कस्टमर बुलाकर रखा था. मुझे उसके साथ कमरे में जाने के लिए कहा गया. मैंने विरोध किया तो उन्होंने मेरी अश्लील वीडियो दिखाकर मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. मैं डर गई. मेरे घरवालों को इसके बारे में पता नहीं था. मैं मजबूरन उस ग्राहक के साथ चली गई. इसके बाद ये सिलसिल चल पड़ा. करीब 5-6 महीने तक ये सब चलता रहा. ये लोग ग्राहकों से 3000 रुपए लेते, लेकिन हमें प्रति ग्राहक 800 रुपए देते थे. मेरे जैसी वहां कई लड़कियां थी, जो ये सब कर रही थी. इसी बीच पुलिस कार्रवाई में सारे स्पॉ सेंटर बंद हो गए. उसमें हमारा सेंटर भी शामिल था. इसके बाद ये लोग होटलों में ले जाकर धंधा कराने लगे. इनमें प्रिया पैलेस और रिच होम स्टे शामिल है. डेढ साल तक मेरे साथ ये सब होता रहा. इस दौरान शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता रहा.”

 

ये आपबीती उस पीड़ित महिला की है, जिससे आगरा के होम स्टे में जबरन जिस्मफरोशी का धंधा कराया जा रहा था. मजबूर महिलाओं और लड़कियों को किस तरह से जाल में फंसाकर इस दलदल में धकेला जाता है, इसे पीड़िता की दिल दहला देने वाली कहानी से समझा जा सकता है. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करके कुछ लोगों को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन इस रैकेट का जाल बहुत बड़ा है. इसमें न जाने कितनी महिलाएं फंसी हुई हैं. पुलिस ने 35 से अधिक होम स्टे को बंद करा दिया है. लेकिन गर्म गोश्त के सौदागर पहले की तरह फिर नए रास्ते तलाश लेंगे. जैसे पहले स्पॉ सेंटर में जिस्मफरोशी का धंधा होता था, जब उसे बंद कराया गया, तो होम स्टे और होटलों में शुरू कर दिया गया. इस नेक्सस को तोड़ने के लिए सतत कार्रवाई की जरूरत है. यहां एक बात जरूर गौर करने वाली है कि स्थानीय पुलिस की जानकारी के बगैर ये सब मुमकिन भी नहीं है.

 

आगरा की एसीपी सदर सर्किल अर्चना सिंह के मुताबिक, आरोपियों से पूछताछ में 12 से ज्यादा होटलों के नाम सामने आए हैं. उन सभी होटलों की एक लिस्ट बनाई गई है. इन होटलों पर छापेमारी कर आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई जा रही है. पुलिस नियम के खिलाफ चल रहे होम स्टे को भी बंद करा रही है. इसी कड़ी में 35 से अधिक होम स्टे को बंद कराया जा चुका है, आगे भी कार्रवाई जारी है. आरोपियों के मोबाइल फोन से कई लड़कियों की तस्वीरें मिली हैं. इन सभी को मथुरा, दिल्ली सहित आसपास के इलाकों से बुलाया जाता था. ग्राहक जिस लड़की की तस्वीर पसंद करता, उसे उनके पास भेज दिया जाता. कई लोग जगह भी उपलब्ध कराने के लिए कहते तो उनको इन होम स्टे में बुला लिया जाता. उसका अलग से पैसा लिया जाता था. इस तरह के रैकेट चलाने वालों की नजर ज्यादातर मजबूर लड़कियों पर रहती थी. उनको लालच देकर फंसा लिया जाता था.