जसोल में स्थापित होगा वैद विद्यापीठ व शोध संस्थान

 

जसोल : श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान (जसोलधाम) में श्री श्री 1008 श्री जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज सुमेरूपीठ (काशी) पधारे। जसोलधाम पधारने पर ढोल-नगाड़ों के साथ संस्थान समिति सदस्य कुं. हरिश्चन्द्रसिंह जसोल द्वारा भव्य स्वागत किया गया।

 

मंदिर प्रांगण में श्री शंकराचार्य जी व संत महामंडल अध्यक्ष दिल्ली (एनसीआर) व पंचदशनाम जूना अखाड़ा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा दूधेश्वर महादेव मंदिर (गाजियाबाद) महंत श्री नारायणगिरी जी महाराज के पावन सानिध्य तथा संस्थान अध्यक्ष रावल श्री किशनसिंह जी जसोल के मार्गदर्शन में जसोल सर्व समाज की मीटिंग आयोजित हुई।

 

मीटिंग में शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती जी व महंत श्री नारायणगिरी जी द्वारा आशीर्वचन दिए गए। इस दौरान संतो के पावन सानिध्य में ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 महंत श्री संध्यापूरी जी महाराज की ईच्छानुसार संस्थान समिति सदस्य कुं. हरिश्चन्द्रसिंह जसोल द्वारा श्री नर्बदेश्वर महादेव मंदिर में श्री नर्बदेश्वर महादेव वेद विद्यापीठ व शोध संस्थान खोलने हेतु प्रस्ताव रखा गया। जिसको सर्व समाज द्वारा सहमति दी गई।

 

अब बहुत ही जल्द संस्थान अध्यक्ष रावल श्री किशनसिंह जी जसोल के मार्गदर्शन व दुधेश्वर महादेव वेद विद्या संस्थान गाजियाबाद अध्यक्ष महंत श्री नारायणगिरी जी के कौशल नेतृत्व में नर्बदेश्वर महादेव वेद विद्यापीठ व शोध संस्थान स्थापित होंगे जिसका वैदिक शिक्षा लाभ समस्त सनातन धर्मप्रेमियों को मिलेगा। इस नर्बदेश्वर वेद विद्यापीठ व शोध संस्थान में चारों वेदों का मंत्रोच्चारण होगा जिसके माध्यम से न केवल जसोल अपितु सम्पूर्ण पश्चिमी राजस्थान की जन भावनाओं में नव चेतना स्थापित होगी।

 

इस दौरान जसोल पूर्व सरपंच भंवरलाल भंसाली, उप सरपंच राजेन्द्र कुमार छाजेड़, नरेंद्रसिंह, जगतसिंह, भीखचंद मेहता, शांतिलाल सुथार, जगदीश घांची, गौतम खटीक, राजेंद्र कुमार, तिलोकचंद प्रजापत, नारायण प्रसाद पालीवाल, देवेंद्र कुमार, मुल्तानमल, गौतमचंद माली सहित जसोल ग्राम की छतीशी कौम के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।