सांसद एसटी हसन से मिले लोकतंत्र बचाओ मोर्चा के कार्यकर्ता
मुरादाबाद। वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षा की अलख जगाने वाले हाजी हयात द्वारा 80 के दशक में दिल्ली रोड मंगूपुरा ग्राम पंचायत की आराजी में जामिया अरबिया हयात उल उलूम यूनिवर्सिटी के नाम से एक तालीमी ईदारे की नींव रखी थी । लगभग 40 वर्ष से भी अधिक का अरसा बीत जाने के बाद भी मदरसा जामिया अरबिया हयात उल उलूम यूनिवर्सिटी आज भी अपनी अनदेखी को बयां कर रहा है। मदरसा जामिया अरबिया हयात उल उलूम यूनिवर्सिटी खंडहर में तब्दील होता जा रहा है, इस तालीमी इदारे में उग आई झाड़ियां इस कि पहचान को मिटाने का काम कर रही है । इस यूनिवर्सिटी की भूमि पर पर अब कुछ भूमाफिया अपनी नजरें गड़ाए बैठे हैं, क्योंकि नेशनल हाईवे की सीमा पर स्थित इस यूनिवर्सिटी की जमीन अरबों रुपए की संपत्ति मानी जा रही है । और इस बेशकीमती संपत्ति पर कुछ भूमाफिया अपनी नजरें गड़ाए हैं । जिसको लेकर मुरादाबाद के सामाजिक संगठन इस जामिया अरबिया हयात उल उलूम यूनिवर्सिटी की आवाज को बुलंद कर रहे हैं । मुरादाबाद के लोकसभा सांसद डॉ एस टी हसन को भी लोकतंत्र बचाओ मोर्चा द्वारा एक ज्ञापन सौंपा गया था । जिसमें इस यूनिवर्सिटी को आबाद करने और तालीमी हब को मजबूत करने की मांग उठाई गई थी । जिस पर मुरादाबाद के सांसद डॉक्टर एस टी हसन द्वारा इस यूनिवर्सिटी को एक बार फिर से जिंदा करने पर रणनीति तैयार करने की बात कही गई है ।डॉक्टर एस टी हसन द्वारा कहां गया कि इस तालिमी दारे को एक बार फिर से शुरू कराने पर पहल की जानी है। जिसको लेकर वह लगातार प्रयास कर रहे हैं ।