ब्रह्माण्ड के कण-कण में समाये हैं भगवान श्री कृष्ण: धीरशान्त

❤️श्रीमद्भागवत कथा षष्ठम दिव❤️

बुधवार 2 मार्च 2022

भगवान श्री कृष्ण समस्त ब्रह्माण्ड के कण कण में समाये हैं -धीरशान्त

श्रीशिव मन्दिर, गायत्री नगर  में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव में विश्व हिन्दू परिषद्, मठ-मन्दिर विभाग प्रमुख कथा व्यास श्रीमन् धीरशान्त दास’अर्द्धमौनी’ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण समस्त ब्रह्माण्ड में व्याप्त हैं। उन्हें भजने से समस्त देवताओं की कृपा स्वत ही मिल जाती है।

धीरज से निर्धनता भी सुन्दर लगती है, स्वच्छ व निर्मल रहने पर मामूली वस्त्र भी अच्छे लगते हैं, गर्म किये जाने पर बासी भोजन भी स्वादिष्ट लगता है और शील-स्वभाव से कुरूपता भी सुन्दर लगती है।

औषध से लाभ न हो तो भगवान को पुकारना चाहिए। एकांत में बैठकर कातर भाव से, रोकर भगवान से प्रार्थना करें तो जो काम औषध से नहीं होता वह प्रार्थना से हो जाता है। मंत्रों में, अनुष्ठानों में उतनी शक्ति नहीं है , जितनी शक्ति प्रार्थना में है। प्रार्थना जप से भी तेज है।

असत् का त्याग किये बिना जो भी साधन करें, सब नकली हैं। केवल भगवान् ही हैं-यह गीता का अटल सिद्धांत है।

लोभ का सीधा संबंध बुद्धि से है और यह निश्चित है कि जिस विकार का संबंध बुद्धि से होगा, वह बड़ी गंभीर समस्या उत्पन्न करेगा। इसे यों समझ लीजिए कि अगर किसी के शरीर में रोग हो जाय और वह उस रोग को जानकर, अपने को रोगी मानकर चिकित्सक के पास जाय, औषध ले और स्वस्थ होने की चेष्टा करे, तब तो कोई समस्या नहीं है, पर यदि कोई रोगी होने पर भी रोग का अनुभव न करे, अपने को रोगी न माने तो ? और मन के संदर्भ में यही सत्य है।

मन में विकार आने पर, मन के रोगी होने पर यदि हमारी बुद्धि स्वथ्य बनी रहे, बुद्धि में ठीक-ठीक यह अनुभव होता रहे कि हमारे मन में विकार है, यह रोग हो गया है, तब तो हम उस रोग से निवृत्ति की चेष्टा करेंगे, पर कहीं ऐसा हो कि मन के रोगों को बुद्धि का समर्थन प्राप्त हो जाय और बुद्धि यह कहने लगे कि यह रोग नहीं, यह तो स्वथ्यता का लक्षण है, तो ऐसी स्थिति में स्वाभाविक रूप से वह रोग दूर होने के स्थान पर अचल होकर बैठ जायेगा। चाहे वह काम हो, क्रोध हो या लोभ ; जब भी हम उस विकार का बुद्धि के द्वारा समर्थन करेंगे, तर्क-युक्ति से उसका पक्ष लेंगे, तो निश्चित रूप से उस रोग को दूर करना असंभव हो जायेगा।

व्यवस्था में पं० प्रेमशंकर शर्मा, आचार्य अनादि मिश्र, ध्यान सिंह सैनी, ममता सैनी, राजकुमार सैनी, कमल सैनी, सरजीत सैनी, कामिनी सैनी, मनोज सैनी, दिनेश सैनी, दीपक सैनी, विजय सिंह, सन्तलाल, गंगा सिंह पाल, ओमप्रकाश शर्मा, नीतू सिंह, सुधा शर्मा, अंकुश सिंह, सपना चौधरी, अभिलाषा कपूर, अनुराधा खुराना, रीना गोयल,  आदि ने सहयोग दिया।