Thursday, December 12, 2024
उत्तर प्रदेशक्राइम

इनामी लखटकिया प्रिंस को ढेर किया पुलिस ने

जौनपुर: गाजीपुर में पुलिस कस्टडी से फरार एक लाख के इनामी सतीश कुमार सिंह प्रिंस को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया।

सरपतहां थाना पुलिस व एसओजी को मुखबिर से सूचना मिली कि सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के मनिया गांव निवासी शातिर अपराधी सतीश कुमार सिंह प्रिंस मौजूद है। सूचना पर सीमावर्ती जिले सुल्तानपुर की भी पुलिस आ गई। घेराबंदी कर आत्मसमर्पण के लिए कहे जाने पर सतीश सिंह प्रिंस पुलिस टीम को लक्ष्य कर गोलियां चलाने लगा। दो सिपाही घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। सतीश सिंह प्रिंस गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। करीब आधे घंटे तक मुठभेड़ के दौरान पुलिस के आला अधिकारियों के वाहन पुल पर मौजूद रहे। मुठभेड़ स्थल से करीब पांच सौ मीटर हर किसी को रोक दिया जा रहा था।

पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी, सीओ शाहगंज अंकित कुमार भी मौके पर आ गए। जिला मुख्यालय से फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया। पुलिस घायल अपराधी व सिपाहियों को अलग-अलग वाहनों से उपचार के लिए जिला अस्पताल ले गई। जिला अस्पताल में सतीश सिंह प्रिंस को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

मालूम हो कि सतीश सिंह प्रिंस 31 मई 2019 को सरायख्वाजा थाना क्षेत्र में सिद्दीकपुर स्थित मां दुर्गाजी सीनियर सेकेंड्री स्कूल के पास सपा नेता लालजी यादव व 16 फरवरी 2021 को सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के ही मखमेलपुर गांव के पूर्व प्रधान राज कुमार यादव की हत्या के मामले में वांछित था। उस पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उसके विरुद्ध कई आपराधिक मामले दर्ज थे।

वर्ष 2003 में हत्या की वारदात को अंजाम देकर जरायम की दुनिया में कदम रखने वाला सतीश सिंह आतंक का पर्याय बन गया था। डेढ़ वर्ष की अवधि में हत्या की दो सनसनीखेज वारदात के बाद तो सरायख्वाजा थाना इलाके में उसके नाम से लोग थर्राने लगे थे। सतीश सिंह ने वर्ष 2003 में हत्या की वारदात से आपराधिक जीवन की शुरुआत की थी। डी-63 गैंग से जुड़ने के बाद वह आजमगढ़, वाराणसी, गाजीपुर में भी संगीन अपराध करने लगा था। हत्या के मामले में अदालत ने आजीवन कैद की सजा दी थी।

इसी बीच थाना चौबेपुर जिला वाराणसी की पुलिस गैंगस्टर एक्ट में पेशी के लिए वर्ष 2010 में गाजीपुर ले गई तो कस्टडी से फरार हो गया। तब उस पर 5000 रुपये का इनाम घोषित किया गया। वर्ष 2019 में 31 मई को सरायख्वाजा थाना क्षेत्र में सिद्दीकपुर स्थित मां दुर्गाजी सीनियर सेकेंड्री स्कूल के पास उसने दिनदहाड़े सपा नेता लालजी यादव को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था। वह स्कार्पियो से घर से कचहरी जाने के लिए निकले थे। इसके बाद इलाके में उसकी दहशत और भी बढ़ गई थी।

इस मामले में आइजी वाराणसी ने उस पर 50000 रुपये का पुरस्कार घोषित कर दिया। वर्ष 2020 में बरदह (आजमगढ़) में सराफा कारोबारी के यहां दिनदहाड़े हुई डकैती में वांछित होने पर एसपी आजमगढ़ ने 25000 रुपये का और इनाम रख दिया। इससे भी अधिक सनसनीखेज वारदात को उसने अंजाम दिया था पिछले साल 16 फरवरी को। तब उसने सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के ही मखमेलपुर गांव के पूर्व प्रधान राज कुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी।