Thursday, December 5, 2024
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इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं:कर्नाटक हाईकोर्ट

Hijab Row: हिजाब मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने आज फैसला सुनाया. अदालत ने सरकार के आदेश को बरकरार रखा है और शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली सभी आठ याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म का प्रिस्क्रिप्शन एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकते हैं।

मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की तीन-न्यायाधीशों की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है। पीठ ने कहा है कि स्टूडेंट स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। स्कूल या कॉलेज को अपनी यूनिफॉर्म तय करने का अधिकार है।

आदेश से पहले कर्नाटक सरकार ने राज्य की राजधानी बेंगलुरु में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक सप्ताह के लिए बड़े समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया। मैंगलोर में भी 15 से 19 मार्च तक बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया। आज उडुपी में स्कूल और कॉलेज बंद हैं।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले महीने हिजाब और भगवा स्कार्फ समेत धार्मिक कपड़ों पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था। क्योंकि विवाद विरोध प्रदर्शन और छात्रों के विभिन्न वर्गों के बीच आमने-सामने हो गया था। एक दर्जन मुस्लिम छात्रों सहित याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि हिजाब पहनना भारत के संविधान और इस्लाम की आवश्यक प्रथा के तहत एक मौलिक अधिकार की गारंटी है। सुनवाई के ग्यारह दिन बाद हाईकोर्ट ने 25 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।