गाजियाबाद से कानपुर तक 380 किलोमीटर के कॉरिडोर को मिली मंजूरी, इन रास्तों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
गाजियाबाद से कानपुर जाने वालों का सफर जल्द ही आसान हो जाएगा। केंद्र सरकार और परिवहन विभाग ने गाजियाबाद से कानपुर तक ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दे दी है। यह कॉरिडोर 380 किलोमीटर लंबा और इसे 2025 बनाकर तैयार कर लिया जाएगा। फिलहाल गाजियाबाद के लोगों को कानपुर जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे से होते हुए जाना पड़ता है। जिससे उनका रास्ता काफी लंबा हो जाता है। ऐसे में इसे ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर के बनने के बाद से यात्रियों को सहूलियत मिलेगी। इस कॉरिडोर के बनने से गाजियाबाद हापुर और पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों से जुड़े लोगों को यमुना एक्सप्रेसवे पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर को कई जगहों पर कनेक्ट किया जाएगा। इसके जरिए यात्रियों को सफर में आसानी और उनके समय की बचत होगी। वहीं, दिल्ली से लखनऊ जाने वाले लोगों को लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे बनने के बाद एक नया रास्ता मिलेगा।
*350 दिन में बनकर तैयार होगी डीपीआर*
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) इस प्रोजेक्ट के लिए वितरित प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसकी डीपीआर अगले 350 दिनों में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके बाद प्रोजेक्ट की मंजूरी लेकर भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जाएगा। यह कार्य 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद 24 महीने के अंदर इस प्रोजेक्ट को बनाकर तैयार कर दिया जाएगा। वहीं एनएचएआई ने डीपीआर बनाने के लिए सलाहकार फर्म के चैन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर 380 किलोमीटर लंबा होगा और इसे 2025 तक तैयार कर लिया जाएगा। इस कॉरिडोर के बन जाने से गाजियाबाद से हापुड़ कानपुर और उन्नाव जाने का रास्ता आसान हो जाएगा। इस कॉरिडोर के लिए 8 लेन के हिसाब से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा, लेकिन फिलहाल इसे 4 लाइन का ही बनाया जाएगा। हालांकि इस कॉरिडोर पर अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड का निर्माण 6 लेन के हिसाब से किया जाएगा।
*गाजियाबाद में इस जगह से शुरू होगा कॉरिडोर का निर्माण कार्य*
इसी के साथ इस ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर को कई जगहों पर कनेक्ट किया जाएगा। इस कॉरिडोर को लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे को उन्नाव और कानपुर के बीच कनेक्ट करेंगे। वहीं, गाजियाबाद और हापुड़ में मेरठ एक्सप्रेसवे को भी इस कॉरिडोर से कनेक्ट किया जाएगा। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस एक्सप्रेस-वे को लखनऊ जाने वाले एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। जिससे ट्रैफिक गंगा एक्सप्रेस वे पर जाएगा। वहीं, इसीलिए पहले गाजियाबाद और कानपुर के बीच बनाए जा रहे कॉरिडोर को चार लाइन का बनाया जा रहा है। बाद में वाहनों के दबाव को बढ़ते हुए देख कर इसे 8 लाइन का कर दिया जाएगा, लेकिन इस कॉरिडोर के बीच में बनने वाले रेल ओवर ब्रिज, अंडरपास और अन्य पुलों के निर्माण को 6 दिन के हिसाब से किया जाएगा। गाजियाबाद में इसका निर्माण मसूरी गंग नहर के बाद शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसी के अलावा इसे हापुर से भी कनेक्ट करने का प्रस्ताव रखा गया है। ताकि गाजियाबाद और हापुड़ दोनों जगहों के लोग इस कॉरिडोर का फायदा उठा सकें।
*2019 में नितिन गडकरी ने की थी इस कॉरिडोर की घोषणा*
आपको बता दें कि ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर का बनाने के प्रस्ताव की घोषणा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सितंबर 2019 में की थी। यह घोषणा उन्होंने दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के तीसरे चरण के उद्घाटन समारोह के अवसर पर की थी। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के चौथे चरण के उद्घाटन समारोह पर इस ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर के कार्य को जल्द शुरू करने की बात कही थी। अब इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 2023 तक इसकी डीपीआर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके बाद 2025 तक इस कॉरिडोर को बनाकर तैयार कर दिया जाएगा।
*नोएडा और गाजियाबाद की सड़कों पर होगा वाहनों का दबाव कम*
इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद से नोएडा और गाजियाबाद की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। फिलहाल लोगों को कानपुर जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे से होते हुए जाना पड़ता है। जिसके लिए लोग गाजियाबाद से नोएडा होते हुए यमुना एक्सप्रेसवे पर चढ़ते हैं। ऐसे में अब सरकार ने गाजियाबाद से कानपुर के तक ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दे दी है। अभी लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, फरीदाबाद और पश्चिमी यूपी जाने वाले वाहन यमुना एक्सप्रेसवे से जाते हैं। इसीलिए पश्चिमी यूपी में मेरठ हापुड़ और अन्य जिलों के वाहन गाजियाबाद और नोएडा से होकर गुजरते हैं। नए कॉरिडोर के बन जाने से लोग सीधे NH-9 को पकड़ कर कानपुर जा सकेंगे। जहां से वह लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पकड़ कर सीधे लखनऊ की जा सकेंगे। ऐसे में लोगों के समय की काफी बचत और उनका सफर भी आरामदायक हो जाएगा।