नफरत को खत्म करने की कोशिश के साथ देश में सदभाव और शांति का माहौल बनाने का कार्य किया जाएगा : उलेमा और मशायख बोर्ड
नई दिल्ली। अखिल भारतीय उलेमा और मशायख बोर्ड (एआईयूएमबी) ने संगठनात्मक ढांचे को फिर से उन्मुख करने और शांति निर्माण, आतंकवाद विरोधी और सामाजिक और मानवीय सक्रियता की अपनी विरासत को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से दो दिवसीय आम सभा का आयोजन किया। दिल्ली के प्रतिष्ठित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित की गई जिसमें दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों और सूफी धर्मस्थलों के प्रमुखों ने शिरकत की। तय किया गया कि नफरत को खत्म करने की कोशिश के साथ देश में सदभाव और शांति का माहौल बनाने का कार्य किया जाएगा।
शिक्षा और तरक्की पर किया जाएगा कार्य
सूफीवाद से प्रेरित भारतीय मुसलमानों के इस शीर्ष निकाय का पुनर्निर्माण देश में विभिन्न समुदायों के बीच बढ़ती सांप्रदायिक विद्वेष, गलतफहमी और संचार अंतर के संदर्भ में विकसित किया गया। एआईयूएमबी विश्व सूफी फोरम के पुनरुद्धार के माध्यम से भारत में मुसलमानों और गैर मुसलमानों के बीच राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक आत्मीयता और सामाजिक व धार्मिक सद्भाव को मजबूत करने का प्रयास करेगा। संस्थापक अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कहा कि बड़े और नेक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, अंतर्धार्मिक सद्भाव, शांति और बहुलवाद विश्व सूफी फोरम को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रसिद्ध पहल को मजबूत और पुनर्गठित करने का संकल्प लिया गया है। विश्व सूफी मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुलाम रसूल देहलवी ने विश्व सूफी फोरम के चार प्रमुख उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शांति निर्माण और चरमपंथ का विरोध, राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा, अंतरधार्मिक सदभाव को बढ़ावा देना तथा समावेशी विकास और शिक्षा प्रमुख हैं। महासचिव और वर्ल्ड सूफी फोरम के संस्थापक सदस्य हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने युवाओं के बीच नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया। अजमेर के हजरत ख्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती जैसे सूफी मनीषियों और संतों के नक्शेकदम पर चलते हुए सामाजिक और कल्याणकारी गतिविधियों पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया।
ख्वाजा गरीब नवाज पुरस्कार से नवाजा
बैठक में दरगाह पीर हाशिम बीजापुर (कर्नाटक) के सैयद तनवीर हाशमीर, दरगाह हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के सैयद सलमान चिश्ती, दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया के सैयद फरीद अहमद निजामी सहित कई सूफी धर्मस्थलों के प्रमुखों एक साथ थे। माकनपुर शरीफ (यूपी) के सैयदी मियां, हैदराबाद स्थित प्रमुख सूफी कार्यकर्ता सैयद आल-ए-मुफ़्तफा कादरी, सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती, मुफ़्ती हबीबुर रहमान अल्वी, सैयद आलमगीर अशरफ, अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय सुन्नी केंद्र, नागपुर भी उपस्थित रहे। संस्थापक अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने संगठनों की भविष्य की कार्य योजनाओं पर जोर दिया, जिसमें शैक्षणिक संस्थान खोलना, सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करना शामिल है। इस मौके पर ख्वाजा गरीब नवाज पुरस्कार मौलाना सैयद मोहम्मद हसन रजा (अध्यक्ष) एआईयूएमबी मानखुर्द, मुंबई, मौलाना आफताब आलम श्रीगंगानगर, काजी मोहम्मद नोमान अहमद समन्वयक एआईयूएमबी देवास, हाजी शकील अहमद अध्य्क्ष एआईयूएमबी इटावा, हाफिज मोहम्मद इमरान खान अशरफी अध्यक्ष एआईयूएमबी ठाणे, मौलाना अजीम अशरफ देहली, रमजान अली महासचिव लखनऊ, अख्तर अली सिद्दीकी अध्यक्ष मोगा, हाफिज मोहम्मद मुबीन अशरफी अध्य्क्ष, राय बरेली, शेख मोहम्मद सलीम चिश्ती महासचिव रायपुर आदि को दिया गया।