Monday, December 2, 2024
राज्य

गुमनामी के साये में बदहाल देव स्थल व गुफाओं को संवारा जाएगा: विधायक फकीर राम

गांगोलीहाट। हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड के पवित्र ऑचल में स्थित गंगावली एवं नाग भूमि के तीर्थ स्थलों एवं पर्यटक स्थलों को गुमनामी के साये से बाहर निकाल कर उनकी महत्ता को देश एवं दुनिया के सामने लाया जाऐगा यह भूमि आध्यात्मिक रूप से बेहद समृद्ध शाली भूमि है यह बात गंगोलीहाट के विधायक फकीर राम ने वार्ता के दौरान कही उन्होनें कहा प्राकृतिक सौदर्य की दृष्टि से भी यहाँ के तमाम क्षेत्र महत्वपूर्ण क्षेत्र है यहां के पर्यटक एंव तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हुए जो आध्यात्मिक अनूभूति होती है वह अपने आप में अद्भुत है। विधायक फकीर राम ने कहा पर्यटन की दृष्टि से ही नहीं बल्कि तीर्थाटन की दृष्टि से भी यह पावन भूमि महत्वपूर्ण है इसी कारण यहां का भ्रमण अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा श्रेष्ठ एंव संतोष प्रदान करने वाला है,पर्यटन एंव तीर्थाटन के विकास के लिए सरकार समुचित सहायता व प्रोत्साहन दे रही है।

उन्होनें कहा राज्य में उनके विधान सभा क्षेत्र में पर्यटन एंव तीर्थाटन की आपार सभांवनाएं है।स्थानीय लोक कलाओं के विकास व सास्कृतिक आदान प्रदान में तीर्थाटन एंव पर्यटन का विशेष महत्व है। मानव सभ्यता के विकास में तीर्थाटन एंव पर्यटन की विशेष भूमिका होती है। उन्होनें बताया तमाम स्थलों के बेहतर विकास के लिए स्थलों को सूचीबद्व किया जा रहा है।साथ ही जो स्थल गुफाएं गुमनामी के साये में है,उन्हें भी चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होनें कहा गंगावली व नाग भूमि का यह क्षेत्र अपनी अलौकिक सुन्दरता व धार्मिक क्षेत्र के रुप में प्राचीन काल से ही प्रसिद्ध है। यहाँ की भूमि में कई ऐसे ऐतिहासिक धार्मिक व प्राकृतिक स्थल है जो पर्यटन एंव तीर्थ के रुप में अपना विशेष स्थान रखते है।जिनका प्राकृतिक सौदर्य के अलावा आध्यात्मिक महत्व भी है उन सबका समुचित विकास किया जाऐगा प्रकृत्ति के अनमोल खजाने के रूप में जो गुफायें यहां विद्यमान है उन्हें प्रकाश में लाकर उनका महत्व दुनियां को बतलाया जाएगा।

उन्होनें कहा प्रमुख स्थलों में पाताल भुवनेश्वर की गुफा, के अलावा दाणेश्वर की गुफा, कोटेश्वर की गुफा शैलेश्वर गुफा, मुक्तेश्वर की गुफा, भूलेश्वर महादेव की गुफा ,नानी शीतला की गुफा , भूतेश्वर महादेव की गुफा ,सहित तमाम गुफाओं को विकसित कर नयी दिशा प्रदान की जाऐगी जो यहां कि प्राकृतिक सौदर्य सम्पन्नता से परिचित कराने में खासी सहायक होगीं।