विकास के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन..
समय के साथ प्रदूषण की समस्या गंभीर संकट बनती जा रही है! जिसमे घरेलू वायु प्रदूषण की तुलना में औद्योगिक वायु प्रदूषण और रासायनिक प्रदूषण ज्यादा कहर बरपा रहा है! प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है यह समस्या कई सदियों की देन है! बारहवी सदी से दुनिया में विकास का पहिया घूमना शुरू हुआ तभी से प्रदूषण की समस्या का भी जन्म हो गया! विकास के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन का दौर शुरू हो गया! वृक्षों को काट कर मैदान बनाया गया पहाड़ों को काट कर सड़कें बना और कोयला जला कर बिजली पैदा की जाने लगी! अब प्रदूषण को नियंत्रित करना किसी भी सरकार के बूते से बाहर की बात हो चुकी है! आमजन के सहयोग से इस पर नियंत्रण किया जा सकता है।