तपिश से मिलेगी राहत : तैयार हो जाइए झमाझम बारिश का मजा लेने के लिए

मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बताया कि पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन पहले ही बन चुका है. यह मॉनसून को आगे बढ़ाने में मदद करेगा. मॉनसून फेज में चलता है. कभी गति धीमी होती है तो कभी यह बहुत तेजी से आगे बढ़ता है. यदि मॉनसून धीमी गति से आगे बढ़ रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह कमजोर हो गया है. मॉनसून को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए कोई बड़ी व्यवस्था नहीं है.

IMD ने कहा कि अगले दो दिनों के दौरान महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी रहेंगी. भारत को कवर करने में मॉनसून कई दिन पीछे चल रहा है और विशेषज्ञों ने इसे कमजोर चरण कहा है, जो उन किसानों के लिए चिंता का एक संभावित कारण है जो अपनी फसल बोने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

10 जून तक मॉनसून आमतौर पर महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बड़े हिस्से को कवर कर लेता है. इस साल, इसने अब तक तमिलनाडु, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अधिकांश हिस्सों को कवर किया है. इसके अलावा, अब तक मॉनसून असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा को कवर कर चुका है और अगले पांच दिनों तक इन राज्यों में तेज बारिश का अनुमान है.

इसके अलावा, अगले पांच दिनों तक बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल के कई हिस्सों में हल्की बारिश और तेज हवाएं चलने का अनुमान है. वहीं, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी, तेलंगाना में भी पांच दिनों तक भारी बारिश हो सकती है. कर्नाटक में 12 जून को, केरल और माहे में 11 और 12 जून को भारी बारिश की संभावना है.