Shabnam Case: रामपुर जेल में बंद मां शबनम से मिलने पहुंचा बेटा ताज
रामपुर: लगभग तेरह साल पहले अपनी नापाक मोहब्बत पाने की खातिर एक एक सिरफिरी माशूका ने अपने माशूक के साथ ऐसी साजिश रची, जिसे सुनकर इंसानियत भी खौफजदा हो जाए। जी हां अमरोहा के बावनखेड़ी काण्ड नाम से मशहूर इस हत्याकांड में शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। सेशन कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उसे हाईकोर्ट -सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली और हाल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद अब जल्द उसका डेथ वारंट जारी होने की बात कही जा रही है। वहीँ इस बीच रामपुर जेल में सजा काट रही शबनम के बेटे ताज ने अपनी माँ के लिए दया याचिका की गुहार लगाईं है। रविवार को ताज अपनी माँ से मिलने रामपुर जेल भी पहुंचा था।
राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किये जाने के बाद अब कभी भी शबनम को फांसी हो सकती है। अब कभी भी शबनम को फांसी हो सकती है। शबनम इस वक्त रामपुर के जिला कारागार में बंद है और डेथ वारंट मिलते ही कभी भी वह मथुरा के लिए रवाना हो सकती है।
रामपुर जेल प्रशासन के मुताबिक शबनम जेल की महिला बैरक नंबर 14 में है। उसका व्यवहार सामान्य है और कोऑपरेटिव है। महिला बंदियों के साथ में जेल प्रशासन के साथ में हंसना बोलना बात करना उसमें कोई भी असामान्य गतिविधि नहीं है।
यहां बता दें कि 13 अप्रैल 2008 की रात शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। विवेचना में खुलासा होने के बाद दोनों जेल में है। सलीम इन दिनों आगरा सेन्ट्रल जेल में है। इस हत्याकांड की गूँज पूरे देश में सुनाई दी थी। खुद तत्कलीन मुख्यमंत्री मायावती अमरोहा घटनास्थल पर पहुँच गयीं थी।
अब ये फैसला अपने अंतिम पड़ाव पर है क्यूंकि पिछले हफ्ते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शबनम की दया याचिका खारिज कर दी। अभी सलीम की याचिका पर निर्णय आना बाकी है। उधर शबनम ने खुद को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन सुबूत उसके गुनाह को चिल्ला-चिल्ला कर साबित कर रहे थे। जिस पर शबनम की एक न चली। लेकिन अब शबनम अपने बेटे के जरिये माफ़ी की फिराक में है। जिसमें उसका बेटा जोकि बुलंदशहर में उसका दोस्त पाल रहा है, उसे लेकर रामपुर जेल पहुंचा। उसके बेटे ताज ने अपनी मां के लिए राहत की गुहार लगाईं है।
यहां बता दें कि आजादी के बाद शबनम पहली महिला होगी, जिसे फांसी दी जाएगी। महिलाओं को फांसी देने की व्यवस्था मथुरा जेल में है। इसलिए वहां तैयारी शुरू हो गयीं हैं। लेकिन अभी अमरोहा कोर्ट से शबनम का डेथ वारंट जारी होना बाकी है। उधर शबनम के वकील उसकी सजा तब तक रोकने की मांग कर सकते हैं जब तक सहअभियुक्त सलीम की याचिका पर कोई फैसला नहीं आ जाता।