Monday, September 16, 2024
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संभल में धूम-धाम से मनाई गयी निराला जयंती, मक्खन मुरादाबाद को मिली कवि श्री की उपाधि

सम्भल: रविवार को अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम की ओर से आर्य समाज मंदिर में सरस्वती पूजन, निराला जयंती एवं बसंतोत्सव का समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया। जिसमें स्थानीय व बाहर से आए कवियों ने काव्य पाठ कर श्रोताओं को मन्त्र-मुग्ध किया। वहीँ कार्यक्रम में वरिष्ठ कवियों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत चंद्रशेखर शर्मा ने महाकवि निराला द्वारा रचित सरस्वती वंदना “वर दे वीणावादिनी वर दे” का गायन किया। इससे पूर्व अतिथियों एवं संस्था के सदस्यों तथा उपस्थित विशिष्ट जनों ने दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण कर वाग्देवी का पूजन अर्चन-वंदन किया। संस्था अध्यक्ष विजयलक्ष्मी शर्मा ने अपनी मधुर वाणी में भारत वंदना प्रस्तुत की। प्रतिज्ञा गर्ग ने गौ सेवा की प्रक्रिया पूरी की।
इसके बाद संस्था के निर्देशक संजय कुमार गुप्ता ने संस्था की गतिविधियों का परिचय दिया। संस्था के संस्थापक डॉ डी. एन, शर्मा ने बसंत ऋतु का महत्व देते हुए कहा कि बसंत पंचमी ना केवल मां सरस्वती का जन्मदिन है बल्कि हिंदी के महाकवि महाप्राण निराला जी का भी जन्मदिन है।
समारोह अध्यक्ष प्रख्यात डॉ मक्खन मुरादाबादी ने “खबरें पैदा होने से पहले ही मर जाती है” कविता सुनाकर श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। युवा कवी अतुल कुमार शर्मा ने “प्यासे नशा प्रेमी बुरी तरह चल रहे हैं संस्कारों के सारे पैमाने पैरों तले कुचल रहे हैं” कविता सुनाकर सबको मोहित कर लिया। नवोदित कवित्री रेनू तिवारी निराला की कविता “वह तोड़ती पत्थर देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर” श्रोताओं की तालियां बटोरी। मंत्री पूनम शुक्ला ने “आज मेरे कदम डगमगा रहे हैं और मेरी उंगली भी मां ने नहीं थामी हुई है” सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया। श्वेता तिवारी ने “लड़कियां-लड़कियां-गोदिया-लोरियां-चूड़ियां” कविता का पाठ किया।

इसके साथ ही महाकवि निराला कविता को आनंद में आयोजित प्रतियोगिता में बाल विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि डॉ मक्खन मुरादाबादी,अतुल कुमार शर्मा को कविश्री की उपाधि से नवाजा गया। इसके अलावा कई और प्रतियोगिताओं में शामिल छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।