माता, पिता एवं गुरु निस्वार्थ हितकारी होते हैं: अर्द्धमौनी
मुरादाबाद। रेड सेफायर बैंकट, आशियाना में आयोजित श्रीगुरू पूर्णिमा महोत्सव में कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि माता, पिता एवं गुरु बिना किसी लोभ, लालच के हमारा कल्याण करते हैं। संसार में सबसे पहले गुरु हमारे माता पिता हैं। जो हमें संसारिक ज्ञान प्रदान करके, आध्यात्मिक पथ प्रदर्शक गुरु के श्रीचरणों में भेज देते हैं। और भगवान श्री कृष्ण के शरणागत गुरु ही हमें कृष्ण भावनामृत में दक्ष करके बैकुण्ठधाम का अधिकारी बनातें हैं।
माँ जन्म देती है और सद्गुरु जीवन देते हैं। माँ नंनंनं को जन्म देती है और सद्गुरु व्यक्तित्व को जन्म देते हैं। सद्गुरु तो उन भगवान भुवन भाष्कर की तरह हैं जिनके आते ही जीवन की सन्सारी कालिमा मिट जाती है और जीवन में सत्य का प्रकाश फैल जाता है।
जीवन के श्रेष्ठत्व, जीवन के परम लक्ष्य भगवत प्राप्ति को बिना गुरु के मार्गदर्शन के कभी भी प्राप्त नहीं किया जा सकता है। सद्गुरु भगवान की वाणी शिल्पी की छैनी के समान है, जिसके एक – एक प्रहार से पत्थर को भी ईश्वर के रुप में गढ़ा जाता है। जो हमारे रुप और स्वरूप दोनों को निखारकर नाशवान जीवन को भी प्रतिष्ठावान जीवन बना देती है।
गुरु कृपा के बिना कोई भी विद्या फलित नहीं होती है। गुरु चरणों के आश्रय से ही अर्जुन और एकलव्य जैसे शिष्यों का निर्माण संभव हो पाता है। आज गुरु पूर्णिमा का यह पावन दिन उन्हीं सद्गुरु देव भगवान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का है।
बहुत कहने से भी क्या होगा, करोडों शास्त्रों के अध्ययन से भी क्या होगा, क्योंकि चित्त की परम् शान्ति गुरु के बिना मिलना सम्भव नहीं है। गुरु की परम कृपा ही जीवन उत्थान एवं जीवन कल्याण का मूल है।
जैसे दूध के बिना गाय, फूल के बिना लता, चरित्र के बिना पत्नी, कमल के बिना जल, शांति के बिना विद्या, और लोगों के बिना नगर शोभा नहीं देते, वैसे हि गुरु बिना शिष्य शोभा नहीं देते। गुरूदेव के श्रीचरणों को वन्दन है, जिनकी अमृत वाणी अज्ञानता रूपी विष को नष्ट कर देती है।
मात पिता एवं गुरु की महिमा का गुणगान सर्व श्री अमरनाथ दीक्षित, राम मोहन सिंह, गोपाल अंजान,शिक्षक विधायक , मेयर विनोद अग्रवाल, रितेश गुप्ता, विधायक, बृजगोपाल व्यास, राजेश रस्तोगी, डा० राजकमल गुप्ता, पवन शर्मा(बवराला), सोमनाथ पोपली, सुभाष भाटिया, नरेश गुप्ता बिलारी, सी ए नितिन अग्रवाल, मुकुल अग्रवाल, एडवोकेट, महन्त गुरविंदर सिंह, डा० वाचस्पति मिश्र, सुभाष भाटिया, अनिल सिक्का, पं० राजकिशोर शास्त्री आदि ने करते हुए इनकी शरणागति को सर्वोपरि बताया।
महोत्सव में मनीष पोपली, सुमित अग्रवाल, उग्रसेन प्रिय दास, विशाल अग्रवाल, कुसुम उत्तरेजा, प्रभा बब्बर, पायल मग्गू, सोनाली सरोज, मोनिका पाल, अमित-रागिनी गुप्ता, ऊषा अग्रवाल, सारिका अग्रवाल, सुधा शर्मा, शोभा अग्रवाल, कुरुश्रेष्ठ दास, सन्दीप मग्गू, प्रेमशंकर शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, जयपाल प्रजापति, किरन सिंह, सपना चौधरी, गौरांग-गौरांगी, देव कुमार, कुशल, वृन्दा कुमारी, विशाल अग्रवाल, डा० शशि अरोड़ा, अनु गोयल, अल्का शर्मा, मंजू जोशी, अनुराधा खुराना, अभिलाषा कपूर, रानी सैनी, आदि रहे।