Sunday, June 15, 2025
देशस्वास्थय

मनुष्य को बैंक में पैसे बढ़ाने के साथ साथ ऑक्सीजन बैंक अपने पर्यावरण के लिए बढ़ाएं..!

जन्म के बाद से मृत्यु पर्यंत व्यक्ति भरपूर पेड़ों का उपयोग करता है किंतु वह कितने पेड़ जीवन में लगाता है यदि इसका हिसाब किया जाए तो शायद एक भी दिन जीने के हकदार नहीं जिन पेड़ों से हम ऑक्सीजन लेते हैं अपनी प्राणशक्ति जहां से पाते हैं क्या उनके स्वास्थ्य के लिए हमें सोचना नहीं चाहिए!हर व्यक्ति अगर एक पौधा गोद ले ले और उसे पानी दे तो शायद उसे ऑक्सीजन के लिए कभी मजबूर ना होना पड़ेगा कभी असहाय नहीं होना पड़ेगा होगा!क्योंकि प्रकृति का नियम है कर्म का सिद्धांत कहता है कि जो दोगे वही वापस पाओगे!कहते हैं बिना खाने के व्यक्ति तीन हफ्ते जिंदा रह सकता है बिना पानी के तीन दिन किंतु बिना हवा के तीन मिनट भी व्यक्ति जिंदा नहीं रह सकता मनुष्य को बैंक में पैसे बढ़ाने के साथ ऑक्सीजन बैंक अपने पर्यावरण में बढ़ाएं! समय रहते ऑक्सीजन बैंक बढ़ा लें ताकि उसका मोहताज ना होना पड़े!जितना हो सके अपने आसपास पेड़ पौधे लगाएं!आप फ्लैट में रहते हैं तो गमलों में लगाएं पास में कोई पार्क है तो उसमें लगाएं! जहां भी कच्ची जगह दिखे वहां पर पेड़ लगाएं पीपल बड़ नीम पिलखन विल्व गूलर वृक्ष लगाएं और अपने घर के आंगन में भी पौधारोपण करें!पेड़ कोई अपने पास ऑक्सीजन नहीं रखेगा वह तो बांटेगा ही!तभी कहा गया है मनुष्य को परमार्थ जीवन का सबक यदि लेना चाहिए तो वृक्षों से लेना चाहिए वृक्षों का सारा जीवन परमार्थ के लिए होता है जहां वह फल देता है वही छाया प्रदान करता है और पृथ्वी पर जल की मात्रा बढ़ाता है और सूखने पर उसकी लकड़ी ईंधन के काम आती है और जब हरा भरा होता है तो भरपूर प्राणवायु देता है।