दबंगों के भय-आतंक से मुक्त कराकर पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग
पीड़ितों को न्याय न मिलने पर 13 अक्टूबर को डीएम कार्यालय के समक्ष होगा विरोध प्रदर्शन
सुलतानपुर। आज दिनांक 06-10-2022 को मोस्ट कल्याण संस्थान के निदेशक शिक्षक श्यामलाल निषाद “गुरुजी” ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में बताया कि पीड़िता केशवती पत्नी राकेश कुमार कोरी ग्राम-सुरजीपुर, मौजा रतापुर, थाना-कूरेभार, जनपद-सुलतानपुर निवासिनी (जहाँ की अनुसूचित जाति के 08 परिवार पीड़ित हैं) पीड़ित का कहना है कि मेरे गांव के सरहंग व दबंग किस्म के लोग हम 08 अनुसूचित जाति के परिवारों को सन 2019 से बराबर मारते-पीटते व हैरान-परेशान करते चले आ रहे हैं और धमकी देते हैं कि गांव और घर से बाहर निकाल कर दम लेंगे और घरों पर ईंट पत्थर फेंकते रहते हैं। परिणाम स्वरुप उक्त दबंग लोग सन 2020 में हम लोगों को खूब मारा पीटा तो एफआईआर दर्ज कराया, जिसका मुकदमा संख्या-926/2020 एससी एसटी एक्ट व अन्य धाराओं में मुकदमा थाना-कूरेभार में पंजीकृत हुआ है जो कि मा. न्यायालय में विचाराधीन है, कुछ दिन बाद से उक्त नामजद दबंग पूर्व की भांति घर में घुसकर तोड़फोड़ किए और हम लोगों को मारे-पीटे तब हम लोग थाना कूरेभार पर जा कर मुकदमा संख्या-705/2021 एससी एसटी एक्ट व अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करवाया जो न्यायालय में विचाराधीन है। उक्त दोनों मुकदमों में सुलह समझौता के लिए उक्त नामजद दबंग लोग धमकी देने लगे, हम पीड़ितों द्वारा समझौता करने से इंकार कर दिया गया तो उक्त नामजद दबंग लोग दिनांक 11.09.2022 को रात्रि 9:10 बजे एक राय होकर मेरे दरवाजे पर आए तथा मां-बहनों की भद्दी-भद्दी गालियां जातिसूचक संदर्भ में प्रयोग करते हुए हम लोगों को खूब मारा पीटा तो पीड़ितों ने थाने पर जाकर एफ.आई.आर. संख्या-234/2022 धारा-323, 504, 506 एससी एसटी एक्ट का मुकदमा पंजीकृत करवाया, लेकिन उसके बाद भी उक्त लोग हम लोगों के घरों पर ईंट पत्थर फेंकते रहते हैं और गाँव में घूम-घूम कर कहते हैं कि मुकदमे वापस नहीं लिए तो एक-एक को मार डालेंगे तथा घर मे बंद करके आग लगा देंगे।
मोस्ट निदेशक श्री निषाद ने कहा कि वैसे तो संविधान देश के सभी नागरिकों को निर्भय होकर गरिमापूर्ण जीवन-स्वतंत्रता की गारंटी देता है साथ ही साथ अनुसूचित जाति के लोगों को विशेष संरक्षण प्रदान करना राज्य का कर्तव्य अधिरोपित करता है फिर भी अनु.जाति के परिवारों पर शोषण-अत्याचार को रोकने की विफलता, संविधान के अनु. 17 व मानवाधिकार और नेचुरल जस्टिस का घोर उल्लंघन है।
श्री निषाद ने जिलाधिकारी से माँग की है कि पीड़ितों को समुचित न्याय प्रदान कर विधि का शासन कायम किया जाय अन्यथा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए मोस्ट कल्याण संस्थान दिनांक 13-10-2022 को जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष पुलिस-प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन और ज्ञापन देने के लिए बाध्य होगा।
ज्ञापन देने वालों में मोस्ट सह संयोजक फौजी सन्तोष सोनकर, मोस्ट महासचिव राम उजागिर यादव, शिक्षक राजेश कनौजिया, सीमा कोरी, अर्जुन आदि उपस्थित रहे।