भारी फोर्स बल के बीच मोस्ट ने पीड़ितों को न्याय के लिए दिया ज्ञापन

सुलतानपुर। मोस्ट कल्याण संस्थान उ.प्र. के तत्वाधान में सुरेश कुमार के नेतृत्व में जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, एसडीएम सदर व सीओ सिटी आदि की मौजदगी में दिया गया।

मोस्ट कल्याण संस्थान के निदेशक शिक्षक श्यामलाल निषाद “गुरुजी” ने पुलिस प्रशासन के रवैये पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि सामाजिक संगठन द्वारा समाज के पीड़ितों के न्याय के लिए ज्ञापन देने से रोकना व भारी पुलिस फोर्स लगा कर भयभीत करना लोकतंत्र की हत्या है।

श्री निषाद ने कहा कि सुबह से तिकोनिया पार्क के अंदर व बाहर जितनी भारी संख्या में फोर्स लगाकर ज्ञापन देने आ रहे लोगों को खदेड़ने में पुलिस बल ऊर्जा लगा रही थी काश! इसकी आधी फोर्स भी आरोपियों को गिरफ्तार करने में लगा दी गयी होती तो हम मोस्ट वालों को ज्ञापन देने की जरूरत ही न पड़ती।

मोस्ट कल्याण संस्थान ने ज्ञापन में मांग की है कि रतापुर (सुरजीपुर) थाना कूरेभार के केशवती आदि पीड़ित 08 अनुसूचित जाति के परिवारों को प्रताड़ित करने वाले दोषियों को गिरफ्तार किया जाय और उक्त पीड़ित परिवारों को जान-माल की सुरक्षा व संरक्षण की गारंटी दी जाय एवं एसओ कूरेभार दोषियों को गिरफ्तार करने और पीड़ितों को न्याय दिला पाने में अक्षम हो गए हैं इसलिए उनका स्थानांतरण किया जाय तथा मोस्ट कल्याण संस्थान द्वारा दिनांक 20.09.2022 को ज्योति निषाद के मामले में दिए गए ज्ञापन में की गई माँग का पूर्णतया क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय तथा इब्राहिमपुर (बल्दीराय) की घटना के दोषियों को सख्त सजा दी जाय किन्तु निर्दोषों को पीड़ित-प्रताड़ित करने से सुरक्षा की जाय एवं जनपद के सभी थाना/कोतवाली को निर्देश दिया जाय कि शोषितों-पीड़ितों की एफआईआर दर्ज कर तत्काल आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कर वंचितों-पिछड़ों को सुरक्षा और संरक्षण की गारंटी सुनिश्चित की जाय।

ज्ञापन देने वालों में उत्तर प्रदेश कश्यप निषाद सभा के प्रांतीय अध्यक्ष खेमई प्रसाद निषाद, मोस्ट डिप्टी डायरेक्टर राजकुमार गौतम, मोस्ट सचिव रविकांत निषाद, सह संयोजक संतोष सोनकर, महासचिव राम उजागिर यादव, डा. कमालुद्दीन, रज्जन प्रसाद, प्रधान परमदेव यादव, प्रबन्धक कालिका यादव, विवेक गौतम, राम सजीवन निषाद, उर्मिला निषाद, अमृतलाल निषाद, राकेश निषाद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य छोटेलाल निषाद, डा. रामबली यादव, एडवोकेट आनन्द निषाद, राम गणेश बौद्ध, इरफान सिद्दीकी, प्रधान नीरज कुमार निषाद, प्रधान महादेव निषाद, अरविंद निषाद, धर्मेंद्र निषाद, घनश्याम निषाद, प्रधान शम्भू निषाद, शिवलाल निषाद, चंदन निषाद, अनिल निषाद, सभाजीत निषाद, रणजीत निषाद, हरिश्चंद निषाद सहित हजारों लोग रहे।