क्या भारत के महानगर Covid-19 के लिए पर्याप्त टेस्टिंग कर रहे हैं?

भारत के सबसे बड़े शहर ही कोविड-19 महामारी के इपिसेंटर्स हैं. लेकिन महामारी का जो स्तर है वो उसके हिसाब से टेस्टिंग कर रहे हैं? भारत के चार सबसे बड़े महानगरों के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि अभी उन्हें लम्बा रास्ता तय करना है, खास तौर पर भारत का आईटी हब बड़ी छलांग लगा सकता है.

अधिकतर भारतीय शहरों का शहरवार डेटा उपलब्ध नहीं होता. जब ये सामने आता है तो इसमें कई बड़े और छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के आंकड़े समाहित होते हैं. मिसाल के लिए, ठाणे जिले में छह नगर निगम, दो नगर परिषद और एक ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं. इसके मायने हैं कि ठाणे जिले का डेटा ठाणे शहर से काफी अलग है.

सिर्फ चार भारतीय शहरों- मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु के नगर निगमों और दिल्ली राज्य ने टेस्टिंग पर विश्वसनीय आंकड़े पेश किए. वहीं, कुछ शहर विशेष रूप से अपारदर्शी हैं- जैसे कि हैदराबाद, जो उदाहरण के लिए, कोई शहर या जिला स्तर का टेस्टिंग डेटा उपलब्ध नहीं कराता.

इन चार महानगरों के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई की शुरुआत से, दिल्ली में हर दिन सबसे अधिक टेस्ट हो रहे हैं. उसके बाद चेन्नई और मुंबई का नंबर आता है. बेंगलुरु इस मामले में कुछ दूरी पर है. हालांकि बेंगलुरु आबादी में चेन्नई से बड़ा है. कुल संख्या में देखें तो दिल्ली ने सबसे अधिक टेस्ट किए हैं.

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