आज बड़े-बड़े होटलों तथा विदेशों में मशरूम का सब्जी के रूप में प्रचलन बढ़ा : मुख्य विकास अधिकारी

बरेली। राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र इकाई- प्रथम बरेली कॉलेज, बरेली एंव कृषि विज्ञान केंद्र, आईवीआरआई, इज्जतनगर बरेली के संयुक्त तत्वावधान में मशरुम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन बरेली कॉलेज, बरेली कंप्यूटर सेमिनार हाॅल में किया गया।

मुख्य अतिथि जग प्रवेश, मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि आज मेट्रो सिटीज, बड़े-बड़े होटलों तथा विदेशों में मशरूम का सब्जी के रूप में प्रचलन बढ़ा है परंतु भारत में आज भी मशरूम सब्जियों के बीच अपना वह स्थान प्राप्त नहीं कर सका है
लोगों को यह तो जानकारी है कि दालों में प्रोटीन की अधिकता होती है परंतु वह यह नहीं जानते कि मशरूम में 21 24% प्रोटीन तक प्रोटीन होती है, भारत में मशरूम का उत्पादन मुख्य रूप से पंजाब-हरियाणा,उड़ीसा इत्यादि में बढा़ है परंतु अन्य राज्यों में यह कम है इसलिए यह बेरोजगार युवाओं के लिए एक अवसर है। मेट्रो सिटीज में जैसे- जैसे लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो रहे हैं वैसे वैसे मशरूम की मांग भी लगातार बढ़ रही है। बहुत से वैज्ञानिक, व्यवसायी आईआईटीयंस आज तकनीकी आधारित खेती द्वारा बहुउद्देशीय कंपनियों में नौकरी से कहीं अधिक पैसा कमा रहे हैं। बरेली कॉलेज, बरेली की कार्यवाहक प्राचार्य डॉ.पंपा गौतम ने कहा कि आज रोजगार की अत्यंत आवश्यकता है इसलिए हम मशरूम उत्पादन को स्वरोजगार के रूप में अपनाएं क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात करते हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र,आईवीआरआई के वैज्ञानिक डॉ.अमित सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समय-समय पर कराए जाने वाले प्रशिक्षणों पर प्रकाश डाला एवं बरेली कॉलेज, बरेली के छात्रों को सभी प्रशिक्षणों में आमंत्रित भी किया.

दर्शनशास्त्र विभाग के प्रो. एसी त्रिपाठी ने राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा समय-समय पर कराए जाने वाले कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित किया कि वे इस तरह के कार्यक्रमों का लगातार आयोजन करते रहें.

चीफ प्रॉक्टर डॉ.आलोक खरे ने कहा कि मशरूम उत्पादन व्यवसाय के साथ-साथ बीएससी के छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम का हिस्सा भी है इसलिए रोजगार के साथ-साथ हैं इस कार्यक्रम से अच्छे अंक भी प्राप्त होगें