प्रतीक्षा, परीक्षा एवं समीक्षा की सूक्ष्मता से हरिभक्ति में प्रगति करें: अर्द्धमौनी

मुरादाबाद। श्रीगीता भागवत सत्संग का आयोजन श्री मुकुल अग्रवाल, एडवोकेट जी द्वारा प्रसिद्ध समाज सेविका श्रीमती विमला अग्रवाल की स्मृति में बानो बाग, सिविल लाइंस में किया गया।

कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रीय कार्यकारिणी के श्री राकेश कुमार जैन द्वारा संयुक्त रुप से सम्बोधित करते हुए बताया कि जो लोग दिन-रात अशुभ संकल्प करते रहते हैं, वे स्वयं तो दुःखी रहते ही हैं, जगत् को भी स्वाभाविक ही अपने अशुभ भावों का दान देकर उन्हें फैलाकर सबको न्यूनाधिक रूप से दुःखी करते हैं। इसी प्रकार शुभ संकल्प करने वाले पुरुष स्वयं सुखी होते हैं और संसार के सब प्राणियोंको भी सुखी करते हैं।

प्रतीक्षा-परीक्षा और समीक्षा जीवन में ये तीन बातें अति महत्व की हैं। जीव भजन करे, साधन करे, सत्कर्म करे, पुरुषार्थ करे, कभी न कभी फल जरूर मिलेगा। प्रभु कृपा जरूर करेंगे मगर उसके लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

परीक्षा-संसार की परीक्षा करते रहना। जितना जल्दी जान लोगे इससे मुक्त हो जाओगे। जानना ही मुक्त होने का मार्ग है। जगत में सर्वत्र बहुत विषाद है।

समीक्षा-अपनी निरंतर समीक्षा करते रहो। स्वयं का सुधार ही तुम्हारा उद्धार कर सकता है। भौतिक समृद्धि और आध्यात्मिक समृद्धि तुम्हें स्वयं के द्वारा ही प्राप्त होगी। एक ज्ञानी और महान व्यक्ति आत्मचिंतन करते- करते शिखर पर पहुँच जाता है।

सत्संग में राकेश कुमार जैनजी,RSS, मुकुल अग्रवाल, एडवोकेट, श्रीमती ऊषा अग्रवाल, मोहन लाल सैनी, राजीव शर्मा, संजय शर्मा, प्रताप सिसोदिया, कुसुम उत्तरेजा, सच्चिदानन्द दास, राधाकन्त दास, योगेश्वर दास, हरिस्पर्श दास, रमेश त्यागी, अंकुश सिंह, देवांश अग्रवाल आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आनन्दानुभूति का आस्वादन किया।