सपा के लिए रामपुर ही नहीं, मैनपुरी और खतौली में भी चुनौती…!

उत्तर प्रदेश के तीन उपचुनाव अखिलेश यादव के लिए कड़ी चुनौती हैं! रामपुर और खतौली की विधानसभा सीटों का उपचुनाव पिछले विजेताओं मोहम्मद आजम खान और विक्रम सैनी के अयोग्य घोषित हो जाने और मैनपुरी लोकसभा सीट का उपचुनाव मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण हो रहा है!मैनपुरी और रामपुर सीटें सपा के पास थी जबकि खतौली भाजपा के मैनपुरी में अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल को उतारा है तो रामपुर में आजम खान की पसंद के असीम रजा खान को रामपुर में असीम रजा का भाजपा के आकाश सक्सेना से मुकाबला है तो मैनपुरी में डिंपल का भाजपा के रघुराज शाक्य से जो पहले सपा में ही थे।खतौली सीट अखिलेश ने सहयोगी रालोद को दी है। जिसने पूर्व विधायक बाहुबली मदन भैया को तो भाजपा ने निवर्तमान विधायक की पत्नी राजकुमारी सैनी को उम्मीदवार बनाया है। गनीमत है कि अखिलेश ने नाराज चाचा शिवपाल की मनुहार कर ली। उपचुनाव में इससे पहले आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटें भाजपा ने सपा से छीन ली थी। रामपुर विधान सभा सीट पर भी आजम खान का मनोबल कमजोर दिख रहा है। दो दिन पहले अखिलेश ने एलान कर दिया कि वे 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और पसंद भी बता दी कन्नौज। अगर सूत्रों की बात करें तो सपा के कार्यकर्ताओं की शिकायत है कि अखिलेश में न तो पिता मुलायम जी की तरह जमीन पर संघर्ष करने का वैसा माद्दा है और न ही कार्यकर्ताओं से उनका मुलायम जैसा नाता है। मुलायम सिंह जी तो छोटे-बड़े हर कार्यकर्ता के दुख-सुख में शिरकत करते थे पर अखिलेश तो मीडिया से मिलने तक में कतराते हैं! राहुल गांधी से ही सबक ले सकते थे जो भारत जोड़ो यात्रा पर हैं।अखिलेश से तो विधानसभा चुनाव से पूर्व भी प्रचार अभियान देर से शुरू करने की शिकायत है उनके समर्थकों को।अब देखना हैं कि उपचुनाव में किसको जीत मिलती हैं और किसको हार।