सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज जस्टिस फातिमा बीबी का निधन
सुप्रीम कोर्ट यानी उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति फातिमा बीवी का गुरुवार को केरल के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि वह 96 वर्ष की थीं. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने न्यायमूर्ति फातिमा बीवी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश और तमिलनाडु की राज्यपाल के रूप में अपनी छाप छोड़ी.
जॉर्ज ने एक बयान में कहा, ‘वह एक बहादुर महिला थीं, जिनके नाम कई रिकॉर्ड हैं. वह ऐसी हस्ती थीं, जिन्होंने अपने जीवन से यह दिखाया कि दृढ़ इच्छा शक्ति और मकसद को लेकर समझ होने से किसी भी विपरीत परिस्थिति से पार पाया जा सकता है.’ बता दें कि अपने लंबे और सुशोभित करियर में दिवंगत जस्टिस बीवी ने देश भर की महिलाओं के लिए एक आदर्श और आइकन के रूप में काम किया और यहां तक कि उन्होंने अपनी छाप भी छोड़ी.
कौन थीं फातिमा बीवी
दिवंगत जस्टिस फातिमा बीवी ने केरल में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया था और 1974 में जिला और सत्र न्यायाधीश बनने तक काम किया. 1980 में वह आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में शामिल हुईं और 1983 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुईं. केरल के पंडालम की रहने वालीं जस्टिस बीवी ने यूनिवर्सिटी कॉलेज, तिरुवनंतपुरम से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल करने से पहले पथानामथिट्टा के कैथोलिकेट हाई स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की.