अनुच्छेद-341 में धार्मिक प्रतिबंध क्यों?-लौटनराम निषाद
लखनऊ। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. लौटनराम निषाद से अनुसूचित जाति से सम्बंधित अनुच्छेद-341 में धार्मिक प्रतिबंध को अन्याय का पर्याय बताया है।उन्होंने केन्द्र सरकार से अनुच्छेद-341 से धार्मिक प्रतिबंध हटाने की मांग किया है।कहा कि समान पेशा पर समान कोटा मिलना चाहिए।हिन्दू व मुस्लिम के आधार पर अलग अलग से श्रेणी बनाना सामाजिक अन्याय व भेदभावपूर्ण बर्ताव है।
निषाद ने बताया कि हिन्दू व मुस्लिम धोबी,कोरी(हिन्दू जुलाहा),मोची,नट,मेस्टर, हलालखोर आदि का पेशा बिल्कुल एक है,लेकिन हिन्दू है तो अनुसूचित जाति और मुस्लिम है तो पिछड़ी जाति, इस तरह का भेदभाव उचित नहीं है। जो काम खटिक करता है,वही काम चिक,चिकवा भी करता है,लेकिन खटिक अनुसूचित जाति व चिक,चिकवा पिछड़ी जाति,बिल्कुल गलत है।जिसने भी इस तरह का धार्मिक प्रतिबंध लगाया है,वह बिल्कुल नाइंसाफी है। उन्होंने मुस्लिम मोची,धोबी,नट,जुलाहा,मेस्तर, हलालखोर,चिक,चिकवा को अनुसूचित जाति की सुबिधा दिए जाने की मांग किया है।