Wednesday, September 17, 2025
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कलियुग में हरिनाम ही भगवान श्रीराम का दर्शन है: अर्द्धमौनी

मुरादाबाद। श्रीशिव हरि मन्दिर, रामगंगा विहार समिति द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्रीराम कथा के षष्ठम दिवस कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि श्रीराम नाम तो श्रोता के कानों में प्रवेश कर अपना उत्तम फल यानी हरिप्रेम देगा ही, भले ही उसे प्रसन्न होकर सुनो, कहो, जपो या अप्रसन्न होकर।

अमृत तो अमरत्व प्रदान करेगा ही। उसे सामान्य जल समझ कर पियो या अमृत समझ कर अथवा अनजाने में पियो या उसके अमरत्व प्रदान करने वाली प्रशंसा सुनकर पियो।

वस्तु के आकर्षण में जो रस है, वह रस वस्तु के ज्ञानमें नहीं है। सन्त वही है जो सम्मान पाकर हर्षित नही होता, अपमान होने पर क्रोधित नही होता तथा स्वयं क्रोधित होने पर कठोर शब्द नही बोलता।

प्रयास करें कि किसी काम को करवाने के लिए आपको क्रोध का आश्रय न लेना पड़े। जो काम धीरे बोलकर, मुस्कुराकर और प्रेम से बोलकर कराया जा सकता है उसे तेज आवाज में बोलकर और चिल्लाकर करवाना विवेक शून्यता का लक्षण है। जो काम सरलता से हो सकता है, उसके लिए क्रोध करना भी मंदबुद्धि का लक्षण है।

अपनी बात मनवाने के लिए अपने अधिकार या बल का प्रयोग करना यह पूरी तरह पागलपन होता है। प्रेम ही ऐसा हथियार है जिससे सारी दुनिया को जीता जा सकता है। प्रेम की विजय ही सच्ची विजय है।

आज प्रत्येक घर में परस्पर द्वेष, संघर्ष, दुःख और अशांति का जो वातावरण है उसका एक ही कारण है और वह है भक्ति एवं प्रेम का अभाव। आग को आग नहीं बुझाती अपितु पानी बुझाता है। पशु पक्षी भी प्रेम की भाषा समझते हैं। प्रेम की खुशबू कभी खत्म नहीं होती। आनंद दो, आनंद लो और आनंद में जियो यही बुद्धिमत्ता का लक्षण है।

हनुमान रुपी विश्वासी सेवक में सारे सद्गुण, सारे सद्विचार, सारे सत्संकल्प अपने-आप ही आ जाते हैं। उसके चित्तमें कभी अशुभ का, असत् का उदय ही नहीं होता। वह सर्वथा और सर्वदा नित्य नयी-नयी उमंग से अपने प्रभु श्रीराम के सुखमय स्मरण के साथ-साथ उनकी सेवा के ही शुभ संकल्प किया करता है और इसी आनन्द में निमग्न रहता है कि प्रभु सेवा में उसे निमित्त बनाते हैं और उसकी सेवा स्वीकार करते हैं। भगवान् श्रीराम का प्रत्येक विधान आपके परम हित के लिये है।

कथा में राजेश गुप्ता, अविरल गुप्ता, पूनम चावला, रजनी अरोड़ा, रेनू चावला, प्रभा बब्बर, पायल मग्गू, गिरधर गोपाल पाण्डेय, एस के सक्सैना, नवीन विश्नोई, तिलक राज शर्मा, राजेश गुप्ता, पंकज कालरा, अनिल अरोरा, अनिल वर्मा, ब्रह्म प्रकाश, अल्पना सिन्हा, राज मदान, सुधीर मिश्रा, सपना चौधरी, सुधा शर्मा, कुसुम उत्तरेजा, पं० नारायण जोशी, दामिनी बब्बर, पं० राजकिशोर शास्त्री, सुमित अग्रवाल, सारिका अग्रवाल, देवांश अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।