भारत की अदालतों में लंबित मामले पांच करोड़ के करीब

भारत के विधि एवं न्याय मंत्री रिजिजू ने कहा कि कैबिनेट में भी कोई आरक्षण नहीं होता है,लेकिन प्रधानमंत्री कैबिनेट का गठन करते समय प्रयास करते है कि विभिन्न वर्गों व क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व मिले। इसी प्रकार कॉलेजियम को भी गौर करना चाहिए कि सबको प्रतिनिधित्व मिले। देश की विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की संख्या पांच करोड़ के करीब पहुंचने वाली है। सरकार ने इसमें कमी लाने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में सरकार के पास सीमित अधिकार हैं, उन्होंने अदालतों में बड़ी संख्या में मामलों के लंबित होने पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि लंबित मामलों की संख्या अधिक होने का एक अहम कारण न्यायाधीशों की संख्या भी है। न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने के लिए केंद्र के पास बहुत अधिकार नहीं हैं। उसे इसके लिए कॉलेजियम द्वारा सुझाए गए नामों पर ही विचार करना होता है। सरकार नए नाम नहीं खोज सकती है।