उपासना के फल में बल और शक्ति प्रदान करते हैं हनुमान जी

श्रीरामचरितमानस का हृदय स्वरूप है सुन्दरकाण्ड-अर्द्धमौनी

मुरादाबाद : दीनदयाल नगर, कांठ रोड पर आयोजित श्रीरामचरित मानस महातम एवं सुन्दरकाण्ड की अमृत वर्षा करते हुए कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि भगवान श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी महाराज के गुणों से सुसज्जित इस पवित्र ग्रन्थ से जुड़ा कोई भी मन्त्र या पाठ अन्य किसी भी मंत्र से अधिक शक्तिशाली होता है। हनुमान जी हरि भक्तों को उनकी उपासना के फल में बल और शक्ति प्रदान करते हैं। भक्तों की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है।

सुन्दरकाण्ड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैं। लेकिन सुन्दरकाण्ड का महत्व अधिक बताया गया है। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती, इस तरह की शक्ति प्राप्त करता है वह भक्त आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति से भर जाता है।

इस पाठ की एक-एक पंक्ति और उससे जुड़ा अर्थ, भक्त को जीवन में कभी ना हार मानने की सीख प्रदान करता है। पाठ करने से रोग दूर रहते हैं। इससे आपकी दरिद्रता खत्म होती है।

अगर कोई व्यक्ति लगातार सुन्दरकाण्ड का पाठ करता है तो उसे अनेक लाभ मिलते हैं और मानसिक सुख, शांति प्राप्त होती है।

अगर आप ऐसी जगह पर रहते हैं जो अशान्त है। हमेशा किसी अनहोनी का डर रहता है। तो आप सुन्दरकाण्ड से आने वाली हर समस्या दूर कर सकते है।

पूजन श्रीमती अलका गुप्ता, प्रदीप कुमार गुप्ता, शुभम सिंघल ने कराया। व्यवस्था में रविन्द्र गुप्ता, अजित गुप्ता, रचित गुप्ता, प्रिन्सी, पुनीत, नेहा, अंकित, शिवी, वैभव, प्रिया महरोत्रा, कान्ता महरोत्रा, अमित महरोत्रा, डा० संजीव राजन, सुशील शर्मा, ममता वर्मा, माया अरोड़ा, सपना चौधरी, देवांश अग्रवाल आदि ने सहयोग दिया।