प्राइवेटाइजेशन की दिशा में बढ़ रहे रेलवे का बड़ा कदम, अब कॉरपोरेट की तर्ज पर मिलेगी ये सुविधा
इंडियन रेलवे आईआरसीटीसी सभी शिकायतों का रिकार्ड रखेगी और उसका निस्तारण भी सुनिश्चित करेगी। विभिन्न ट्रेनों में क्रू असाइनमेंट के प्रबंधन के लिए उपयोग किए जाने वाले क्रू मैनेजमेंट सिस्टम एप्लिकेशन रेल मदद पोर्टल के संचालन और नियंत्रण का कार्य भी इनके पास होगा।
इसके अलावा जो शिकायतें मैन्युअल प्राप्त होंगी उन्हें भी आनलाइन फीड करने का काम निजी कंपनियों के आपरेटर के माध्यम से ही किया जाएगा एक्स (पूर्व में ट्विटर) इंडियन रोलवे ट्वीटर अकाउंट, फेसबुक जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर रेलवे के अकाउंट के नियंत्रण और संचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनियों के हाथों में ही होगीएप्लीकेशन के संचालन की जिम्मेदारी भी इन्हें ही दी जा रही है।
अब निजी कंपनियां ही रेल यात्रियों की इंटरनेट मीडिया पर करुण पुकार, गुस्से और शिकायतों को सुनेंगी। रेल मदद (हेल्पलाइन नंबर) 139 पर कॉल करने के बाद इन कंपनियों के आपरेटर ही यात्रियों से बातचीत भी करेंगे। संबंधित विभाग को समस्या भेज कर उसे हल कराएंगे। कारपोरेट की तर्ज पर रेल यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी।
कंपनी सभी शिकायतों का रिकार्ड रखेगी और उसका निस्तारण भी सुनिश्चित करेगी। विभिन्न ट्रेनों में क्रू असाइनमेंट के प्रबंधन के लिए उपयोग किए जाने वाले क्रू मैनेजमेंट सिस्टम सीएमएस एप्लिकेशन, रेल मदद पोर्टल के संचालन और नियंत्रण का कार्य भी इनके पास होगा।