अस्पतालों में छुट्टी होने से पहले मिलेगा बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र

 

लखनऊ। अस्पताल में होने वाले हर जन्म और मृत्यु को तत्काल नागरिक पंजीयन प्रणाली के तहत दर्ज किया जाएगा।

 

अस्पताल से प्रसूता की छुट्टी होने से पहले हर हाल में नवजात का जन्म प्रमाणपत्र परिजनों को उपलब्ध कराना होगा। इससे न सिर्फ लोगों को सुविधा होगी, बल्कि नगर निगमों सहित अन्य निकायों पर जन्म-मृत्यु पंजीयन की भीड़ भी घटेगी।

 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी और निजी अस्पतालों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। प्रदेश के अस्पतालों में होने वाले जन्म-मृत्यु और उनके पंजीकरण के आंकड़ों में काफी अंतर है।

 

तमाम प्रकरण समय से दर्ज ही नहीं किए जा रहे। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इसे गंभीरता से लेते हुए जन्म-मृत्यु पंजीकरण से जुड़े विभागीय अधिकारियों के पेंच कसे हैं।

 

जिलों में अपर जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) का दायित्व संभालने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।

 

सरकारी और निजी अस्पतालों में जन्म-मृत्यु की हर घटना का पंजीयन सुनिश्चित करना होगा!

 

ऐसा न होने पर संबंधी अस्पताल के प्रभारी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही होगी!