अब साइबर ठग के अवैध निर्माण पर बाबा का बुलडोजर चला

 

बरेली। बीडीए की कार्रवाई स्मैक तस्करों के साथ ही साथ साइबर ठगों पर भी होना शुरू हो गई है। गुरुवार को बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने फतेहगंज पश्चिमी के धंतिया गांव के साइबर ठग जमशेद के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया है। इतना ही नहीं, जमशेद के साथ बीडीए ने कुख्यात तस्कर इशाकत उर्फ आलू वाला के अवैध निर्माण को भी ध्वस्त किया है। बताया गया कि दोनों ने बीडीए से बगैर मानचित्र स्वीकृत कराए भवन का निर्माण कराया था।
बीडीए के मुताबिक दोनों साइबर ठग जमशेद और इशाकत उर्फ आलू वाला को बीडीए ने नोटिस जारी किया। दोनों की ओर से नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया जिसके बाद बीडीए ने ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर दिया। आदेश के तहत गुरुवार को बीडीए की टीम धंतिया गांव पहुंची, यहां साइबर ठग जमशेद के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला दिया। इसके बाद टीम फतेहगंज पश्चिमी कस्बे का कुख्यात तस्कर इशाकत आलू वाला के घर पहुंची और अवैध निर्माण पर उसके तीन मंजिला मकान को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया।
धंतिया गांव एक तरह से झारखंड का जामताड़ा गांव जैसा ही है। इस गांव का गिरोह सिर्फ साइबर ठगी करता है। जिसका मुख्य सरगना जमशेद है। पुलिस के मुताबिक जमशेद पर एक दो नहीं बल्कि कई जिलों और राज्यों में केस दर्ज है। हैरत की बात तो यह है कि इनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं, बावजूद इसके यह अचूक संपत्ति का मालिक है। गांव में बना इसका आलीशान मकान, प्लाट लग्जरी गाड़ियां और इसके महंगे शौक देखकर साइबर ठगी से होने वाली कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।
बताया जाता है कि जमशेद ने साइबर ठगी के पैसों से अपने रिश्तेदारों के नाम से भी संपत्तिया खरीदी है। जिससे कभी कोई कार्रवाई हो तो उसकी प्रापर्टी सुरक्षित रहे। इन सब का पता तब चला जब जमशेद को जुलाई 2020 में इज्ज्जनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया। बताते चलें कि धंतिया गांव में ही जमशेद ने एक आलीशान स्कूल भी बनाया है।