अकबर शम्सी के गले की फांस बनता जा रहा है प्रबंध समिति का कथित चुनाव
मुरादाबाद। जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा है फलाहे दारैन इण्टर कालेज के प्रबंधक व संस्था के सचिव मोहम्मद अकबर शम्सी के काले कारनामें परत दर परत खुलते नजर आ रहे हैं। आज एसडीएम कोर्ट में मुख्य पक्षकार शहज़ाद अनवर शम्सी ने दाखिल अपने प्रति उत्तर में कालेज की कथित प्रबंध समिति के एक और सदस्य जमाल इलाही पुत्र फरमान इलाही निवासी तम्बाकू वालान, मुरादाबाद का हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें जमाल इलाही द्वारा कहा गया है कि उनका नाम मोहम्मद अकबर शम्सी ने वर्ष 2019-20 व वर्ष 2020-21 की साधारण सभा की 43 सदस्यी सूची में कथित रूप से दर्शाया है वह उक्त समिति के कभी भी सदस्य नहीं रहे। उन्होंने आगे कहा कि उनका नाम वर्ष 2015 की प्रबंध समिति के चुनाव में तथा वर्ष 2020 के चुनाव में भी कथित रूप से दर्शाया गया है। उन्होंने कभी भी उक्त कालेज की प्रबंध समिति के किसी भी चुनाव में प्रतिभाग नहीं किया, कोई नामांकन दाखिल नहीं किया न ही किसी के नाम की ताईद की और न किसी का नाम पेश किया।
इस मामले में मुख्य पक्षकार शहज़ाद अनवर शम्सी ने बताया कि इससे पूर्व उक्त प्रबंध समिति के कथित चुनाव के सम्बन्ध में तीन अन्य सदस्यों जिसमें खुद मुख्य पक्षकार के अतिरिक्त हसनैन अख्तर शम्सी व शमसुर्रहमान शम्सी ने अपने-अपने शपथपत्र न्यालय में दाखिल किये जा चुके हैं। 12 सदस्यी इस प्रबंध समिति के चार पदाधिकारी आरोपी हैं तो चार ने अपने शपथ पत्र दाखिल किये हैं कि उनका नाम कथित चुनाव में बिना उनकी अनुमति के शामिल किया गया है। शहज़ाद शम्सी ने बताया कि प्रतिपक्ष के अधिवक्तागण कथित चुनाव के सम्बन्ध में आज दिनांक तक कोई भी अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके हैं। जबकि प्रबंध समिति के चुनाव की सत्यता की पुष्टि के लिए प्रतिपक्ष को विधि अनुसार एजेण्डा रजिस्टर, कार्यवाही रजिस्टर के साथ चुनाव में प्रतिभागी सभी सदस्यों के नामांकन पत्रों की मूल प्रतियाॅ एवम् सदस्यों की सदस्यता धनराशि को बैंक में जमा किये जाने का प्रमाण प्रस्तुत करना चाहिए था, जिससे यह साबित हो सके कि चुनाव फर्जी नहीं और और चारों प्रतिपक्षी द्वारा कोई गबन नहीं किया गया है। अधिवक्ताओं की हड़ताल होने के कारण प्रकरण की अगली सुनवाई अब 2 जून को होगी।