Tuesday, May 13, 2025
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पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न अंग, पाकिस्तान का कब्जा गैरकानूनी: रक्षामंत्री

श्रीनगर। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को महाराजा गुलाब सिंह राज्याभिषेक समारोह की 200वीं वर्षगांठ समारोह में सम्मिलित हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से ठीक 200 साल पहले 17 जून, 1882 में यहां से कुछ दूर अखनूर में चिनाब दरिया के किनारे एक दरख के नीचे जम्मू की रियासत की बुनियाद महाराजा गुलाब सिंह के राज्याभिषेक के साथ रखी गई। उन्होंने कहा कि उस दिन राज्याभिषेक कार्यक्रम में खुद शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह मौजूद थे और उनकी मौजूदगी में ही गुलाब सिंह जी को राजा बनाया गया था।

उन्होंने कहा कि 1947 में भारत के विभाजन के समय जम्मू और कश्मीर की रियासत के विलय से पहले ही गैरकानूनी तरीके से एक बड़े इलाके को हथिया लिया गया, आज भी पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान का इलाका पाकिस्तान के गैरकानूनी कब्जे में है। जिन इलाकों को जम्मू और कश्मीर की रियासत में महाराजा गुलाब सिंह ने जोड़ा था, उस पर पाकिस्तान अपना दावा करता है।

उन्होंने कहा कि 1962, 1966, 1972, 1973 में जो पाकिस्तान का आईन बनाया गया, उस पर कभी भी गिलगिल बाल्टिस्तान को पाकिस्तानी हिस्से के रूप में दर्ज नहीं किया गया। जबकि हमारा एक ही संविधान है, जिसमें साफ-साफ लिखा है कि पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान भारत के अभिन्न अंग हैं और संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव भी सर्वसम्मत से पारित हुए हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के डोगरा शासकों ने यह सुनिश्चित किया कि इलाका हमेशा से भारत के साथ जुड़ा रहे। यदि विलय होने के बाद जम्मू और कश्मीर के साथ सौतेला व्यवहार न किया गया होता तो जो यहां अलगाववादी ताकतें थीं, उन्हें कभी मजबूती न मिली होती। इसी बीच उन्होंने कहा कि भारत को आजादी हासिल होने के चंद महीने बाद ही जम्मू और कश्मीर में प्रजा परिषद पार्टी का गठन हुआ और उन्होंने ही बाद में नारा दिया कि देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे।