Friday, July 18, 2025
देशशिक्षा

क्या अदालत के अंदर पैर पर पैर रखकर बैठना गलत है? जानिए उच्च न्यायालय ने क्या कहा

कई बार ऐसा देखा जाता है कि सुनवाई के दौरान कोर्ट हॉल में पैर पर पैर रखकर बैठे लोगों को शिष्टाचार का हवाला देते हुए डांट-फटकार कर सही तरीके से बैठने को कहा जाता है। पीठासीन अधिकारी या न्यायाधीश के सामने बैठे लोगों को कहा जाता है कि ऐसा करना ठीक नहीं होता है। लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक RTI के जवाब में कहा है कि कोर्ट हॉल में लोगों को पैर पर पैर रखकर बैठने से रोकने के लिए कोई नियम या आदेश नहीं है।

बेंगलुरु के हलासुरु के निवासी टी नरसिम्हा मूर्ति के एक सवाल के जवाब में उच्च न्यायालय के संयुक्त रजिस्ट्रार और जन सूचना अधिकारी ने हाल ही में कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ऐसा कोई दिशा-निर्देश, अधिसूचना या निर्देश जारी नहीं किया है। ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि अदालत की कार्यवाही के दौरान नागरिक पैर पर पैर रखकर नहीं बैठ सकते। मूर्ति ने इसी मुद्दे पर 2019 में मुख्य सचिव के कार्यालय में एक RTI आवेदन जमा किया था। तब भी जवाब में कहा गया था कि इस संबंध में कोई नियम नहीं हैं।

बता दें कि मूर्ति ने 27 मई, 2022 को एक आवेदन दायर किया था जिसमें उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय से किसी भी ऐसे आदेश, दिशा-निर्देश या अधिसूचना के बारे में जानकारी मांगी थी। आइए जानते हैं कि क्या इस तरह बैठने से हमारे दैनिक जीवन में मानव शरीर पर कोई बुरा प्रभाव पड़ता है या नहीं।

पैर पर पैर रखकर ज्यादा देर बैठने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं
कई लोग बैठते समय एक पैर को दूसरे के ऊपर चढ़ाकर बैठना पसंद करते हैं, लेकिन एक घुटने को दूसरे के ऊपर रखकर ज्यादा देर बैठने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) का बढ़ना, तंत्रिका की क्षति और पीठ में दर्द शामिल हैं। यह एक ज्ञात तथ्य है कि यदि कोई एक ही स्थिति में बहुत अधिक समय बिताता है, तो आपका पैर सुन्न हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रॉस लेग करके बैठने से घुटने के पीछे पेरोनियल तंत्रिका पर दबाव पड़ता है, जो पैरों के निचले हिस्से को अस्थायी संवेदना प्रदान करता है।