समय के अनुसार मौसम का बदलना प्रकृति का नियम है!

गर्मी के मौसम में पशु पक्षी पेड़ पौधे और धरती सभी को वर्षा ऋतु का इंतजार रहता है लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है तब पहली बारिश में ही बड़े बड़े शहर पानी पानी हो जाते हैं!

मानसून की पहली बारिश में ही पूर्वोत्तर राज्य असम और मेघालय बाढ़ की समस्या से जूझ रहा है देश की राजधानी दिल्ली में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो चुकी है!

बढ़ती आबादी की वजह से नदी नाला और तालाब का अतिक्रमण हो रहा है जल निकासी के सभी मार्ग प्लास्टिक कचरा की वजह से अवरुद्ध रहते है!

पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई से वर्षा का पानी सीधे धरती पर गिर कर कहर बरपा रहा है!

वर्षा ऋतु में होने वाली परेशानियों के लिए हम खुद जिम्मेदार है! जल के पौराणिक स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करना चाहिए एवं अधिक संख्या में वृक्षारोपण करना चाहिए।