एक हजार रुपये में बन जाता था आधार, कई लोगों ने बनवा लिए पासपोर्ट
बरेली। फर्जी तरीके से आधार, पैन और जाति प्रमाणपत्र बनाने का खेल बीते तीन सालों से चल रहा था। कामरान अपने जन सेवा केंद्र पर सना की आईडी और पासवर्ड का प्रयोग करके एक आधार बनाने के बदले एक हजार रुपये लिया करते थे। इनके बनाए फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सैकड़ों लोगों ने अपना पासपोर्ट भी बना लिया है।
कामरान ने बताया कि वह तीन साल पहले सना के संपर्क में आया था। इसके बाद सना ने उसे अपना पासवर्ड और आईडी दे दी थी। दिन में बैंक में काम करने के बाद सना शाम को अपना लैपटाॅप लेकर घर जाती थी। इसके बाद आरोपी उसकी आईडी और लैपटॉप से फर्जी दस्तावेज बनाया करते थे। वहीं एक और जनसेवा केंद्र में सना की ही आईडी और पासवर्ड यूज करता था। ये लोग एक ही आधार नंबर पर फोटो और नाम बदलकर दूसरे का आधार कार्ड बनाया करते थे। आरोपी ने बताया कि जो भी पैसा आता था खर्चा काटकर उसे चार हिस्सों में बांट लिया जाता था। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे सैकड़ों लोगों ने अपने पासपोर्ट भी बनवा लिए हैं। बीए पास सना इससे पहले सिविल लाइंस समेत अन्य बैंक में काम कर चुकी है। लोगों का कहना है कि वहां जो लोग अपना आधार बनाने जाते थे सना उनसे कहती थी कि वह उसके बताए जनसेवा केंद्र पर जाए। वहां पर उनका समाधान हो जाएगा। पुलिस ने मौके पर जाकर जब जांच की और आरोपियों के पास मिले जाति प्रमाणपत्र के बार कोड को स्कैन किया तो पता चला कि वह किसी महिला के नाम पर जारी हुआ था, जबकि वह एक युवक के नाम पर था। वहीं आधार कार्ड के बार कोड को स्कैन करने पर भी दूसरे का नाम सामने आ रहा था।
सना के पिता ने बताया कि वह जहां नौकरी करती थी वहा पर उसे 6 हजार रुपये महीना वेतन मिलता था। जब बेटी ज्यादा रुपये घर पर देने लगी तो उनके पूछने पर बेटी ने उन्हें बताया था कि वह ओवरटाइम करती है। इसके बदले में उसे ज्यादा रुपये मिलते हैं। मुकेश प्रताप सिंह, एसपी क्राइम ने बताया कि चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इस मामले में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।