द्रौपदी मुर्मू ने ग्रहण की राष्ट्रपति पद की शपथ

नई दिल्ली। आजादी के बाद देश की पहली आदिवासी महिला के रूप में द्रौपदी मुर्म  ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ ली उन्हें सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने शपथ दिलाई इसी के साथ द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला है जो गांव के गलियारों से होते हुए देश के सर्वोच्च पद पर पहुंची है। इस मौके पर हुए शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान राष्ट्रपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्र सरकार की पूरी कैबिनेट थी।

 

आजादी के बाद जन्मी द्रोपदी मुर्मू हैं जीवट वाली जमीनी महिला महामहिम !

निर्भय सक्सेना, बरेली। आजादी के बाद जन्म लेने वाली श्रीमती द्रोपदी मुर्मू काफी जीवट वाली जमीन की राजनीति से जुड़ी महिला हैं जो अब देश की 15वीं महामहिम होने जा रही हैं ! यही नहीं अब श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नाम देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड भी अब दर्ज होगा। देश की 15वीं राष्ट्रपति का चुनाव जीतते ही श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के दिल्ली निवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित कई एन डी ए नेताओं ने जाकर शुभकामनाएं दी। श्रीमती द्रोपदी मुर्मु के उड़ीसा जिले के मयूरभंज के रजरंगपुर वाले घर पर भी जोरदार जश्न मनाया गया। यही नहीं अब श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नाम देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड भी अब दर्ज होगा।द्रौपदी मुर्मू पहली राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म आजादी के बाद 20 जून 1958 को हुआ था। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवम अन्य रहे सभी राष्ट्रपति का जन्म आजादी से पहले ही हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म भी आजादी के बाद ही हुआ था। इस तरह देश के राष्ट्रपति एवम प्रधानमंत्री दोनो संवैधानिक पदों पर आसीन होने वालो का जन्म आजादी के बाद का ही है।

यही नहीं अब द्रौपदी मुर्मू के नाम दूसरी महिला राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड भी अब दर्ज होगा। मुर्मू से पहले 2007 से 2012 तक प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति रह चुकी हैं।

आदिवासी समाज की 64 वर्ष की द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे युवा राष्ट्रपति होंगी। मुर्मू से पहले ये रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के नाम पर था। रेड्डी जब राष्ट्रपति बने तब उनकी उम्र 64 साल दो महीने थी। वहीं, मुर्मू जब 25 जुलाई 2022 को शपथ लेंगी तब उनकी उम्र 64 साल एक महीने ही होगी। अब जबकि श्रीमती द्रोपदी मुर्मू देश की 15वीं महामहिम बन गईं है। अब वह 25 जुलाई को शपथ लेंगी। श्रीमती द्रोपदी मुर्मु ने विपक्ष के यशवंत सिन्हा को भारी अंतराल से पटकनी दे दी। अब द्रोपदी मुर्मु भारत के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में दुनिया में जानी जाएंगी। द्रोपदी मुर्मु को 540 सांसदों के वोट मिलने की बात कही जा रही है। यह भी कहा जा रहा ही कि 17 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की थी। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए 5,43,261 वोट चाहिए थे। द्रोपदी मुर्मु को जीत वाले वोट से काफी अधिक वोट मिले हैं। द्रोपदी मुर्मु जी को 64 प्रतिशत वोट मिले । उन्हें सबसे अधिक वोट उत्तर प्रदेश से ही मिले। यू पी ए के यशवंत सिन्हा को 36 प्रतिशत वोट ही मिले। उन्हें सर्वाधिक वोट पश्चिमी बंगाल से मिले। देश के राष्ट्रपति चुनाव में जब बीजेपी गठबंधन से द्रोपदी मुर्मू का नाम सामने आया था। उसी समय इस आदिवासी महिला का राष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा था। जैसे जैसे समय आगे बढ़ा विपक्ष के यशवंत सिन्हा को उन्ही के साथी उन्हें अकेला छोड़ कर आदिवासी महिला द्रोपदी मुर्मु के पीछे एकजुट होते चले गए। जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की थी उसी समय विपक्ष को दिन में ही तारे दिखने शुरू हो गए थे। एन डी ए की बैठक में जब झारखंड की पूर्व राज्यपाल, उड़ीसा सरकार में मंत्री रही आदिवासी संथाल समुदाय की 64 वर्षीय द्रोपदी मुर्मू के नाम पर मोहर लगाई थी। स्मरण रहे द्रोपदी मुर्मु का जन्म 20 जून 1958 को देश की आजादी के बाद हुआ था। वह आदिवासी संथाल समुदाय से हैं। राजनीति जगत में द्रोपदी मुर्मू पहले पार्षद बनी थीं। उसके बाद वर्ष 2000 में द्रोपदी मुर्मू उड़ीसा में विधायक बनी। वह बीजेपी बीजद सरकार में दो बार उड़ीसा सरकार में मंत्री भी रहीं। उनकी अब अपनी बेटी इतिश्री ही है। पति श्याम मुर्मू एवम दो बेटों का काफी पहले निधन हो गया था। भारत के राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई 2022 को वोट पड़े थे। कल 21 जुलाई 2022 को हुई मतगणना के बाद विपक्ष के यू पी ए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा से वोट की गिनती में काफी बढ़त लेकर चल रही थीं। एन डी ए प्रत्याशी श्रीमती द्रोपदी मुर्मु के 2824 वोट यानि 64 प्रतिशत वोट पाकर जीत जाने की जब चुनाव आयोग ने घोषणा की तो बीजेपी के दिल्ली कार्यालय पर खूब ढोल नगाड़े बजे । यू पी ए के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा को 1877 वोट यानी 36 प्रतिशत वोट ही मिले। यू पी ए के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने 27 जून 2022 को अपना नामांकन किया था। यशवंत सिन्हा बीजेपी सरकार में भी वित्त मंत्री रहे थे। वर्ष 2018 में यशवंत सिन्हा ने बीजेपी छोड़ दी थी। बाद में तृणमूल कांग्रेस में ममता जी के साथ में यशवंत सिन्हा चले गए थे।

सत्तारूढ़ एन डी ए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रही द्रोपदी मुर्मू भी पूर्व में झारखंड की राज्यपाल रहीं थी। द्रौपदी मुर्मू को जब एन डी ए ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाकर विपक्ष को जोरदार झटका दिया था। राष्ट्रपति के चुनाव वाले इस माहौल में भारतीय जनता पार्टी का पक्ष शुरू से ही मजबूत बना हुआ था। देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को समाप्त हो रहा है। अब रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन में द्रोपदी मुर्मु जी 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद पर आसीन होगी।