Tuesday, July 15, 2025
उत्तर प्रदेशशिक्षा

पानी में उतराती रहीं किताबें, बीएसए से जवाब तलब

बरेली। परिषदीय स्कूल के बच्चों को किताबें मुहैया कराई जाने वाली किताबें एक गोदाम में रखीं थीं। बारिश के चलते किताबें भीग गईं। उतराती किताबों की तस्वीर और वीडियो वायरल हो गया। इसके साथ ही विभागीय जिम्मेदारों की लापरवाही भी सामने आ गई। सीडीओ व एडी बेसिक ने मामले में गंभीर रुख अपनाया है। बीएसए को पत्र भेज कर ऐसी घोर लापरवाही की वजह पूछी है। वहीं, वायरल वीडियो को लेकर लोग किताबों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

कांधरपुर स्थित बीआरसी अंतर्गत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल में बने गोदामों में किताबें रखी गई थीं। लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण गोदाम में पानी भर गया। सोमवार को यह किताबें उतराने लगीं। इसकी भनक लगते ही गोदाम पर पहुंचे विभागीय अधिकारियों ने भीग चुकी किताबें चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को लगाकर मंगलवार को ब्लॉकों में भिजवा दीं, ताकि उनकी लापरवाही पर पर्दा पड़ा रहे।

जबकि शासन के निर्देशों के अनुसार 30 सितंबर तक सभी स्कूलों में किताबों को वितरण कार्य पूरा कर लिया जाना था। सवाल है कि किताबें अवकाश के दिनों में ही ब्लॉकों में क्यों भेजी गईं। फिलहाल, फजीहत होने पर अधिकारियों ने कमरे को खाली कर किताबें अन्य ब्लॉकों में भेज दी हैं।

बरसात के कारण कक्षा एक से 12 वीं तक सभी स्कूलों में जिलाधिकारी के निर्देश पर अवकाश घोषित कर दिया गया था। ऐसे में ब्लॉकों पर जाकर किताबों के रखरखाव की व्यवस्था कर पाना बेहद चुनौती पूर्ण था। विभागीय सूत्रों के अनुसार सोमवार को लगातार हो रही बारिश में किताबों के रखरखाव के निर्देश अचानक से दिए गए। इस बारे में पहले से कोई सूचना नहीं थी।

मामले में मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश ने बीएसए को पत्र जारी कर जल्द से जल्द इस घटना का स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि यह मामला बेहद शर्मनाक है। बच्चों को बांटी जाने वाली किताबों की इस प्रकार बेकदरी होना विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही को स्पष्ट बयां कर रहा है। इस घटना की विधिवत जांच कर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एडी बेसिक गिरिवर सिंह ने भी बीएसए को पत्र भेज कर घटना की जानकारी मांगी है।

मामले में बीएसए विनय कुमार का कहना है कि कोई किताब भीगी और न ही पानी में उतरायी हैं। कर्मचारियों को लगाकर किताबों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर भिजवा दिया गया था। प्रकरण में क्यारा के बीईओ भानू शंकर का कहना है कि किताबों की जिम्मेदारी उनकी नहीं है।